लुधियाना में सीएचसी हठूर में पोषण माह मनाया, डा. विकास ने लोगों को पौष्टिक आहार लेने के लिए प्रेरित किया

लुधियाना में कार्यक्रम के दौरान डा. विकास ने कहा कि हमें फास्ट फूड ज्यादा मसालेदार व तली हुई वस्तुओं को अपने आहार में शामिल नहीं करना चाहिए। सही आहार इस्तेमाल न किया तो पौष्टिक तत्वों की कमी के कारण बीमारियों से लड़ने की शक्ति शरीर में खत्म हो जाती है।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 12:14 PM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 12:14 PM (IST)
लुधियाना में सीएचसी हठूर में पोषण माह मनाया, डा. विकास ने लोगों को पौष्टिक आहार लेने के लिए प्रेरित किया
लुधियाना में सीएचसी हठूर में पोषण माह का आयोजन किया गया।

जागरण संवाददाता, लुधियाना। प्रदेश सरकार द्वारा जहां सितंबर माह पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है। वहीं सरकार द्वारा जारी निर्देशानुसार डा. हरिंदर पाल सिंह की अध्यक्षता में डा. विकास शर्मा की ओर से सीएचसी हठूर में पोषण माह मनाया गया। इस दौरान मौजूद लोगों को पौष्टिक आहार लेने बारे प्रेरित किया गया। डा. विकास ने कहा कि हमें फास्ट फूड, ज्यादा मसालेदार व तली हुई वस्तुओं को अपने आहार में शामिल नहीं करना चाहिए। क्योंकि अगर सही आहार इस्तेमाल न किया तो पौष्टिक तत्वों की कमी के कारण बीमारियों से लड़ने की शक्ति शरीर में खत्म हो जाती है। जिससे इन तत्वों को पूरा करने के लिए हमें पौष्टिक आहार की जरूरत अधिक पड़ती है। हमें अच्छी खुराक लेने के लिए फल, हरी पत्तेदार सब्जियां व दूध इस्तेमाल करना चाहिए ताकि हमारा शरीर स्वस्थ रह सके। डॉक्टर विकास विकास ने कहा कि हरी सब्जियां व फलों का जूस स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक हैं। उन्होंने कहा कि सभी लोगों को रोजाना हरी सब्जियों व जूस का सेवन करना चाहिए ताकि व स्वस्थ रह सकें।

मंदिर देवी दवाला में गणपति की पूजा के लिए उमड़े भक्त

संक्रांति एवं गणपति महोत्सव के सातवें दिन पर मंदिर देवी दवाला में श्रद्धालुओं की काफी चहल पहल रही। सुबह गणोश पूजा बिमला भारद्वाज एवं संजीव द्वारा करवाई गई। गणोश-अंबिका आह्वान के बाद अखंड दीप पूजन किया गया। पं.मोहन ने गणपति के ओंकारा नाम का ध्यान करके फूल मालाएं चढ़ाई। ओंकारा नाम के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि गणोश जी को बाई तरफ मुड़ी हुई सूंड को देखने से ओम का आभास होता है और ओम प्रनव है। प्रनव दो शब्दों परा व नाव से मिल कर बना है, जिसका अर्थ है भवसागर तारने वाली किश्ती। यदि यह दाईं तरफ मुड़ी हो तो उसे सिद्धि विनायक कहा जाता है। आरती के बाद श्रद्धालुओं में प्रसाद बांटा गया।

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