37 साल की निकिता भल्ला बनी मोगा नगर निगम की मेयर, प्रवीण होंगे सीनियर डिप्टी मेयर

हरविंदर कौर को हराकर कांग्रेस की निकिता भल्ला मोगा की मेयर बन गई हैं। सीनियर डिप्टी मेयर के रूप में नगर निगम में तीसरी बार निर्वाचित हुए ब्राह्मण नेता प्रवीण कुमार पीना पदभार संभालेंगे जबकि डिप्टी मेयर का पद अशोक धमीजा को मिला है।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 01:52 PM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 02:20 PM (IST)
37 साल की निकिता भल्ला बनी मोगा नगर निगम की मेयर, प्रवीण होंगे सीनियर डिप्टी मेयर
मोगा की नवनिर्वाचित मेयर निकिता भल्ला। जागरण

मोगा, [सत्येन ओझा]। 37 साल की नीतिका भल्ला मोगा नगर निगम की पहली महिला मेयर बन गईं हैं। उन्होंने अकाली दल की प्रत्याशी हरविंदर कौर को 15 के मुकाबले 37 वोटों से पराजित किया। इस चुनाव से साफ है  नीतिका भल्ला को सिर्फ कांग्रेस एवं आजाद प्रत्याशियों के वोट ही नहीं मिले बल्कि आम आदमी पार्टी के वोट भी मिले हैं। दैनिक जागरण ने नीतिका भल्ला के मेयर बनने का अनुमान पहले ही प्रकाशित कर दिया था। उनकी चर्चा काफी समय से थी। सीनियर डिप्टी मेयर के रूप में नगर निगम में तीसरी बार निर्वाचित हुए ब्राह्मण नेता प्रवीण कुमार पीना पदभार संभालेंगे जबकि डिप्टी मेयर का पद अशोक धमीजा को मिला है। उन्होंने अकाली दल के प्रत्याशी हरिराम को 15 के मुकाबले 35 वोट हासिल कर मात दी।

चुनाव सरकार की ओर से ऑब्जर्वर व कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशू की मौजूदगी में हुए। सबसे पहले सभी 50 निर्वाचित पार्षदों ने शपथ ग्रहण की। बाद में कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशू ने पंजाब सरकार की ओर से भेजा गया लिफाफा कांग्रेस प्रत्याशियों को सौंपा। इसमें कांग्रेस हाईकमान की ओर से तीनों पदों के दावेदारों के नाम भेजे गए थे। बाद में वे चुनाव स्थल से बाहर आ गए और डिप्टी कमिश्नर संदीप हंस के ऑफिस में जाकर बैठ गए। मंत्री के बाहर जाते ही लिफाफे से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में नीतिका भल्ला का नाम सामने आया।

मोगा में निकिता भल्ला के मेयर चुने जाने के बाद जश्न मनाते हुए कांग्रेस पार्षद व अन्य।

पार्षद जसप्रीत सिंह विक्की ने नीतिका भल्ला के नाम का प्रस्ताव पेश किया जिसका अनुमोदन पार्षद कुलविंदर चक्कियां ने किया। उनके मुकाबले अकाली दल की ओर से हरविंदर कौर मेयर पद की प्रत्याशी के रूप में सामने आने के बाद हाथ उठाकर वोटिंग की गई। नीतिका भल्ला का 33 पार्षदों ने समर्थन किया जबकि हरविंदर कौर के पक्ष में सिर्फ 15 वोट पड़े।

निगम की राजनीति में साफ हो गया है कि कांग्रेस विधायक डॉ. हरजोत कमल अपने सभी विरोधियों को परास्त कर अपने समर्थकों को निर्वाचित कराने में सफल रहे हैं। बड़ी बात यह है कांग्रेस के तीनों ही प्रत्याशियों को सिर्फ हरजोत समर्थक कांग्रेस के निर्वाचित पार्षद व आजाद पार्षद के ही वोट नहीं मिले बल्कि आम आदमी पार्टी और भाजपा ने भी कांग्रेस को वोट दिया।

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