बुड्ढा दरिया को ढकने के प्रोजेक्ट को मंजूरी नहीं
बुड्ढा दरिया को प्रदूषणमुक्त बनाने को लेकर बार-बार एक डिमांड सामने आती रही कि बुड्ढा दरिया को कवर कर दिया जाए ताकि उसमें न तो कूड़ा गिरे और न ही गंदा पानी बाहर दिखे।
राजेश भट्ट, लुधियाना
बुड्ढा दरिया को प्रदूषणमुक्त बनाने को लेकर बार-बार एक डिमांड सामने आती रही कि बुड्ढा दरिया को कवर कर दिया जाए ताकि उसमें न तो कूड़ा गिरे और न ही गंदा पानी बाहर दिखे। यही नहीं दरिया के ऊपर मल्टीस्टोरी कांप्लेक्स व सड़क बनाने की सलाही भी कई विशेषज्ञ निगम को दे चुके हैं। इस सब के बीच नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) मानिटरिग कमेटी के चेयरमैन ने साफ कर दिया कि बुड्ढा दरिया को कवर करने की अनुमति किसी को नहीं दी जाएगी और न ही किसी ऐसे प्रोजेक्ट को मंजूरी दी जाएगी जिसमें दरिया को ढकने की बात हो। कमेटी के चेयरमैन जसबीर सिंह ने साफ कर दिया कि बुड्ढा दरिया मैनमेड नाला नहीं है जिसे ढका जाए। यह एक नेचुरल ड्रेन है इसलिए इसे ढकने के बारे में निगम सोचे भी न।
जस्टिस जसबीर सिंह ने लुधियाना दौरे के दौरान डिप्टी कमिश्नर वरिदर शर्मा को आदेश दिए कि वह निगम कमिश्नर प्रदीप सभ्रवाल के साथ निजी तौर पर मिलकर बुड्ढा दरिया को प्रदूषणमुक्त बनाने के प्रोजेक्ट पर काम करें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जो 650 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट दरिया की सेहत सुधारने के लिए बनाया है, उस पर काम शुरू करवाया जाए। इस प्रोजेक्ट में भी सबसे पहले सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों को अपग्रेड किया जाए ताकि सीवरेज का पानी बिना ट्रीट हुए बुड्ढा दरिया और सतलुज में न गिरे। एसटीपी को अपग्रेड करने से ही बुड्ढा दरिया की सेहत आधी से ज्यादा सुधर जाएगी। कुछ लोग 650 करोड़ के प्रोजेक्ट को लेट करने की फिराक में
इसके अलावा जस्टिस जसबीर सिंह ने कहा कि कुछ लोग दरिया के लिए बने 650 करोड़ के प्रोजेक्ट को देर करने की फिराक में हैं। इसीलिए वह नई बहस छेड़ रहे हैं कि यह प्रोजेक्ट 350 करोड़ में ही बन जाता। उन्होंने कहा कि अगर उनके पास ऐसी टेक्नोलाजी है तो वह टेंडर प्रक्रिया में शामिल क्यों नहीं हुए। उन्होंने कहा कि यह काम इंजीनियरों व विशेषज्ञों का है इसलिए यह उन्हीं पर छोड़ा जाए। दरिया के प्रोजेक्ट से जनप्रतिनिधियों को रूबरू करवाएगा निगम
नगर निगम ने बुड्ढा दरिया की कायाकल्प करने के लिए 650 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट तैयार किया। अब निगम इस प्रोजेक्ट से शहर के जनप्रतिनिधियों को रूबरू करवाया जाएगा और उन्हें इस प्रोजेक्ट की डिटेल रिपोर्ट बताई जाएगी। इसके लिए कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु ने मंगलवार को बैठक बुला ली। आशु ने बताया कि बुड्ढा दरिया के किनारे के वार्डों के पार्षदों व विधायकों को इस बैठक में बुलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि अफसरों को हिदायतें दी गई हैं कि इस प्रोजेक्ट की पूरी पीपीटी तैयार करें और बैठक में पेश करें। अगर पार्षद व विधायक कोई सुझाव देंगे तो उन्हें भी इसमें शामिल किया जाएगा। आशु ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के तहत सबसे बड़ा काम सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों को अपग्रेड करना है। इसके अलावा डेयरियों के लिए ईटीपी भी लगाया जाना है। उन्होंने बताया कि बुड्ढा दरिया में गिरने वाली सभी ड्रेनों को बंद करके एसटीपी तक पहुंचाया जाएगा और ट्रीट करने के बाद उस पानी को दरिया में छोड़ा जाएगा।