पंजाब में कंटेनरों की जांच प्रक्रिया में लापरवाही, सीएचए व विभाग की मिलीभगत से सरकार को करोड़ों का चूना

पंजाब में पोर्टों पर उतरने वाले मैटीरियल की सही तरीके से जांच नहीं हो रही। इसके कारण सरकार को करोड़ों का चूना नहीं लग रहा है। इंडस्ट्री को इस गोलमाल तरीके से आने वाली इंपोर्ट से घरेलू बाजार में ही मात दी जा रही है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Sun, 24 Jan 2021 11:39 AM (IST) Updated:Sun, 24 Jan 2021 11:39 AM (IST)
पंजाब में कंटेनरों की जांच प्रक्रिया में लापरवाही, सीएचए व विभाग की मिलीभगत से सरकार को करोड़ों का चूना
पंजाब में कंटेनरों की जांच प्रक्रिया में लापरवाही। सांकेतिक फोटो

लुधियाना [मुनीश शर्मा]। पंजाब के उद्योगपति लंबे समय से केंद्र सरकार के समक्ष लगातार इंपोर्ट किए जा रहे प्रतिबंधित उत्पादों का अंडर इनवायस का मुद्दा उठाते रहे हैं, लेकिन पंजाब के पोर्टो पर उतरने वाले मैटीरियल की जांच को लेकर कोताही बरते जाने से जहां सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का चूना लगाया जा रहा है। वहीं इंडस्ट्री को इस गोलमाल तरीके से आने वाली इंपोर्ट से घरेलू बाजार में ही मात दी जा रही है।

सरकार की ओर से ऐसी कई वस्तुओं पर प्रतिबंध लगाया गया है, जिनकी उपलब्धता भारत में है। लेकिन बावजूद इसके मोटी कमाई करने के चक्कर में कुछ इंपोर्टर कस्टम हाउस एजेंट (सीएचए) और विभाग के साथ सांठगांठ कर भारतीय उद्योगों को पटरी से उतारने के लिए काम कर रहे हैं। प्रतिबंधित उत्पादों को लाने के साथ साथ कई इंपोर्टर अंडर इनवायस मैटीरियल लाकर चीन सहित कई देशों के उत्पाद भारत से सस्ती कीमतों पर बाजार में फेंक रहे हैं।

इसी प्रकार का एक मामला हाल ही में डीआरआइ की ओर से पकड़ा गया है, जिसमें सीएचए की ओर से स्टील स्क्रैप दिखाकर ड्राई डेट्स का आयात किया गया। इस गोरखधंधे का किंगपिन भी सीएचए निकला, अब विभाग इनके कार्यालय से मिले दस्तावेजों के आधार पर कुछ और सीएचए और विभागीय अधिकारियों को जांच में शामिल करने की तैयारी में है। यह गोरखधंधा केवल अभी शुरू नहीं हुआ है, बल्कि पंजाब के कारोबारी कई बार केंद्र सरकार के समक्ष इस मुद्दे को उठा चुके हैं और इसी पर संज्ञान लेते हुए डीआरआइ इस पर अब लंबी कार्रवाई के मूड में है। इसके साथ ही डीआरआइ की जांच में अभी एक अन्य मामला स्क्रैप की आड़ में प्रतिबंधित काली मिर्च के आयात का भी चल रहा है।

लुधियाना में आठ स्थानों पर होती है कंटेनर की जांच

बात लुधियाना की करें तो यहां दो किला रायपुर, एक खन्ना के पास, एक साहनेवाल, एक ढंडारी में इनलैंड कंटेनर डिपू (आइसीडी) है और तीन ड्राईपोर्ट है। जहां पर कस्टम द्वारा कंटेनरों की जांच का काम किया जाता है। इसमें कमोडिटी के मुताबिक जांच प्रक्रिया को अंजाम दिया जाता है। बात जांच प्रक्रिया की प्रमुख कमोडिटी की करें तो इसमें पुरानी मशीनरी, स्क्रैप लुधियाना में सबसे ज्यादा इंपोर्ट की जाती है। ऐसे में इनके बिल बनाकर अन्य प्रतिबंधित उत्पाद लाने का गोरखधंधा किया जाता है, जो कि स्मगलिंग एक्ट का हिस्सा है।

विभाग पूर्ण सख्ती से करेगा कार्रवाई

एडीशनल डायरेक्टर जनरल नितिन सैनी के मुताबिक इंपोर्ट एक्सपोर्ट के दौरान सरकार के राजस्व को नुक्सान पहुंचाने वालों को किसी भी हालात में बख्शा नहीं जाएगा। विभाग की ओर से अब टीमें इस पर काम कर रही हैंं। विभाग को अंदाजा है कि इस मामले में कई और सीएचए और कारोबारी शामिल हैंं। इसके लिए विभाग की टीमें कार्रवाई के लिए जांच में जुटी है।

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