फरीदकोट के गांव बुर्ज जवाहर वाला में माथा टेकने पहुंचे नवजोत सिंह सिद्धू, कल की टिप्पणियों के बाद आज साधी चुप्पी

पंजाब कांग्रेस प्रधान पद से इस्तीफा वापस लेने के अगले दिन यानी आज शनिवार को नवजोत सिंह सिद्धू गांव बुर्ज जवाहर वाला पहुंचे। सिद्धू ने आज यहां माथा टेका और चन्नी सरकार के खिलाफ ज्यादा आक्रामक नजर नहीं आए।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Sat, 06 Nov 2021 11:49 AM (IST) Updated:Sat, 06 Nov 2021 11:49 AM (IST)
फरीदकोट के गांव बुर्ज जवाहर वाला में माथा टेकने पहुंचे नवजोत सिंह सिद्धू, कल की टिप्पणियों के बाद आज साधी चुप्पी
गांव बुर्ज जवाहर वाला पहुंचे नवजोत सिंह सिद्धू। जागरण

जागरण संवाददाता, फरीदकोट। पंजाब कांग्रेस प्रधान पद से इस्तीफा वापस लेने के दूसरे दिन सुबह नवजोत सिंह सिद्धू फरीदकोट जिले के बरगाड़ी कस्बे से पांच किलोमीटर दूर गांव बुर्ज जवाहर सिंह वाला के गुरुद्वारा साहिब में माथा टेकने पहुंचे। पिछले आठ महीनों में, यहां का उनका यह दूसरा दौरा रहा। इसके पहले नवजोत सिंह सिद्धू 13 अप्रैल को यहां आए थे। दोनों दौरों में साफ अंतर यह रहा है कि पहले दौरे पर वह अपनी ही सरकार पर हल्ला बोले थे, तो दूसरे दौरे के दौरान सिद्धू शांत दिखे। सिद्धू ने लोगों से बेअदबी कांड के दोषियों को सजा दिलाने के लिए अरदास करने की बात कही, ताकि बेअदबी कांड के दोषियों को ऐसी सजा मिले जिसे पीढ़ियां दर पीढ़ियां याद करे और वह मिसाल बने।

छह साल पहले पंजाब की धार्मिक, राजनीतिक सियासत में भूचाल लाने वाले बेअदबी कांड और इससे जुड़ी घटनाओं की शुरुआत 1 जुलाई 2015 को उस समय हुई थी, जब गांव बुर्ज जवाहर सिंहवाला स्थित गुरुद्वारा साहिब से गुरुग्रंथ साहिब के पावन स्वरूप चोरी हो गए थे। कुछ समय के बाद 12 अक्टूबर 2015 को इसी गांव की गलियों में पावन स्वरूप के अंग बिखरे हुए पाए गए थे। इसी घटना के विरोध में बहिबल कलां व कोटकपूरा में 14 अक्टूबर 2015 को पुलिस द्वारा फायरिंग की गई थी, जिसमें बहिबल कलां में दो लोगों की मौत गई थी। तब से लेकर अब तक इस घटना की जांच पूर्ववर्ती बादल सरकार, कैप्टन सरकार और अब चन्नी सरकार द्वारा किया जा रहा है, परंतु अब तक जांच एजेंसियां न तो मुख्य साजिशकर्ता तक पहुंच पाई हैं और न ही दोनों घटनाओं में से किसी एक को सजा दिला पाई है। हालांकि अब हुई जांचों पर सियासतदानों द्वारा अपनी सुविधा के अनुरूप समय-समय पर राजनीति की जाती रही है।

कांग्रेस प्रधान सिद्धू लंबे से समय से बेअदबी कांड के दोषियों को सजा दिलाए जाने की वकालत करते रहे हैं। इसी बात को लेकर पहले भी अपनी सरकार को कठघरे में खड़े करते रहे हैं और अब भी वह जब कभी मौका हाथ लगता है, इसे उठाने से चूकते नहीं हैं। शनिवार को गांव बुर्ज जवाहर सिंहवाला में सिद्धू के दौरे के क्या सियासी मायने हैं यह सभी जानते है, परंतु उनके इस दौरे को उनकी अपनी सरकार किस नजरिए से देखती है और निकट भविष्य में क्या कुछ कार्रवाई होती है यह देखने वाली बात होगी। क्योंकि जिन मुद्दों पर घिरते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदंर सिंह को अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी थी, वह मुद्दे अब भी हैं।

chat bot
आपका साथी