पंजाब के परविंदर सिंह LAC पर शहीद, दस मार्च को छुट्टी लेकर आना था घर
परविंदर को 10 मार्च को छुट्टी आना था। उन्हें ड्यूटी पर गए करीब छह महीने बीत चुके थे। वह वर्ष 1997 में सेना में भर्ती हुए। अपने पीछे वह दो बेटे 13 वर्षीय सिमरजीत सिंह 11 वर्षीय जसप्रीत सिंह और पत्नी छोड़ गए हैं।
जगराओं, (लुधियाना) जेएनएन। मोहल्ला गांधीनगर के नायब सूबेदार परविंदर सिंह 25 फरवरी की रात को लेह में शहीद हो गए। वह पंजाब रेजीमेंट 22 यूनिट में तैनात थे। रात के समय परविंदर साथियों सहित लाइन आफ एक्चुअल कंटोल (एलएसी) पर पेट्रोलिंग के लिए जा रहे थे। पहाड़ी से पैर फिसलने के कारण वह खाई में गिर गए।
1997 में सेना में हुए थे भर्ती
गंभीर रूप से घायल होने कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया लेकिन वह शहीद हो गए। परविंदर को 10 मार्च को छुट्टी आना था। उन्हें ड्यूटी पर गए करीब छह महीने बीत चुके थे। वह वर्ष 1997 में सेना में भर्ती हुए। अपने पीछे वह दो बेटे 13 वर्षीय सिमरजीत सिंह, 11 वर्षीय जसप्रीत सिंह और पत्नी छोड़ गए हैं।
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सरकार परिवार को देगी 50 लाख रुपये व नौकरी
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नायब सूबेदार की शहादत पर दुख जताया है। सरकार की ओर से परिवार को 50 लाख रुपये की मदद और एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। पर¨वदर के पार्थिव शरीर का रविवार को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।