Coronavirus Effect: पंजाब में काेराेना संकट में 90 से 300 रुपये तक बिक रहा एन-95 मास्क, रिटेलर कूट रहे चांदी
Coronavirus Effect ब्रांडेड मास्क में 3-एम रॉमसन टाइनोर जैसी कंपनियों के मास्क की ही ज्यादा डिमांड है। यह मानकों पर खरे हैं। दिसंबर-जनवरी में कोरोना की पहली लहर शांत होने के बाद ब्रांडेड एन-95 मास्क होल सेल में 15 रुपये में उपलब्ध था।
लुधियाना, [गौरव कनौजिया]। Coronavirus Effect: कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के कारण एन-95 मास्क की मांग काफी बढ़ गई है। इसके साथ ही इसकी कीमत में भी इजाफा हो गया है। यह 90 से 300 रुपये तक बिक रहे हैं। होल सेल मार्केट में ब्रांडेड कंपनियों के एन-95 मास्क मुश्किल से मिल रहे हैं। इसलिए होल सेलर इसकी मनमानी कीमत ले रहे हैं। एन-95 मास्क एक मेडिकल टूल है और इसे सिर्फ दवा विक्रेता ही बेच सकते हैं, लेकिन पंजाब की सबसे बड़ी दवा मार्केट पिंडी स्ट्रीट के बाहर लोग बेंच लगाकर ऐसे मास्क बेच रहे हैं।
यह मास्क संक्रमण रोकने में कितने कारगर हैं या नहीं इसकी कोई जांच नहीं हो रही। खुले में बेचने पर कोई पाबंदी नहीं है। ब्रांडेड मास्क में 3-एम, रॉमसन, टाइनोर जैसी कंपनियों के मास्क की ही ज्यादा डिमांड है। यह मानकों पर खरे हैं। दिसंबर-जनवरी में कोरोना की पहली लहर शांत होने के बाद ब्रांडेड एन-95 मास्क होल सेल में 15 रुपये में उपलब्ध था। मार्च में इसकी कीमत अचानक 25 रुपये तक पहुंच गई। दूसरी लहर का प्रकोप बढ़ते ही होल सेल में यह 40 से 50 रुपये रुपये में बिक रहा है।
रिटेल मार्केट में ब्रांडेड मास्क 150 से 300 रुपये तक में बिक रहा है। इनकी एमआरपी ज्यादा होने के कारण ग्राहक आपत्ति नहीं जता पाते।लुधियाना के जोनल लाइसेंस अथॉरिटी डॉ. कुलविंदर सिंह का कहना है, पिछले साल कीमतें तय हुई थीं। इस साल ऐसा नहीं है। पिछले साल मास्क बनाने वाली कंपनियां नहीं थी। इसलिए कमी के कारण रेट निर्धारित हुए थे। अब तो लुधियाना में दो दर्जन से अधिक बड़ी कंपनियां एन-95 मास्क बना रही हैं। इसलिए सामान्य कंपनियों के मास्क की कमी नहीं है। ब्रांडेड में थोड़ी मुश्किल आ रही है।ज्यादा एमआरपी का फायदा उठा रहे रिटेलरजालंधर में कई कंपनियां एन-95 मास्क तैयार करने लगी हैं। मास्क निर्माता कंपनी एवं वीएम एजेंसीज के मालिक ललित मेहता के अनुसार एन-95 मास्क पांच लेयर युक्त होता है। इसमें दो लेयर फिल्टर की होती हैं।
कंपनी में 15 से 20 रुपये प्रति पीस लागत
कंपनी में इसकी लागत 15 से 20 रुपये प्रति पीस बैठती है। होल सेलर को 40 से 50 प्रति पीस बेचा जाता है । होल सेल केमिस्ट ऑर्गेनाइजेशन के प्रधान रिशु वर्मा का कहना है कि रिटेलर इसे 90 से 300 रुपये बेचते हैं। इसका कारण यह है कि इस एमआरपी ही 250 से 300 रुपये तक होता है। रिटेलर इसका फायदा उठाते हैं। लुधियाना के एक होल सेलर दवा व्यापारी ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर के साथ मास्क ही नहीं, सैनिटाइजर, आक्सीमीटर, आक्सीजन पाइप मीटर, पैरासिटामोल, ग्लव्स और विटामिन सी टैबलेट की डिमांड बढ़ गई है। बहुत से दुकानदार इन्हें महंगी कीमत पर बेच रहे हैं।