लुधियाना की सिधवां कैनाल को बचाने को आगे आया नगर निगम, नहर के किनारे लगेंगी जालियां

नगर निगम ने लोहारा पुल से बाड़ेवाल तक जालियां लगाने के का एस्टीमेट तैयार करके टेंडर भी लगा दिया है। अगर टेंडर प्रक्रिया समय पर पूरी हुई तो अगले छह माह में सिधवां नहर के किनारे जाली लग जाएगी।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 11:07 AM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 11:07 AM (IST)
लुधियाना की सिधवां कैनाल को बचाने को आगे आया नगर निगम, नहर के किनारे लगेंगी जालियां
सिधवां नहर भी प्रदूषण की मार झेल रही है। (सांकेतिक तस्वीर)

जागरण संवाददाता, लुधियाना। सिधवां नहर भी प्रदूषण की मार झेल रही है। नहर में लोग कूड़ा फेंक रहे हैं जिसकी वजह से नहर की तलहटी पर कूड़ा ही कूड़ा जमा हो जाता है। सिधवां नहर भी सिधवां नाले में तब्दील न हो जाए इसके लिए नगर निगम ने एक पहल की है। नगर निगम नहर के किनारे चेन लिंक फेंसिंग यानि जाली लगाने जा रहा है। नगर निगम ने इसके लिए एस्टीमेट तैयार कर लिया है। लोहारा पुल से बाड़ेवाल पुल तक नगर निगम की सीमा में करीब 14 किलोमीटर एरिया पर निगम यह जाली लगाने जा रहा है। ताकि लोग नहर में सीधे कूड़ा न फेंक सकें।

यह भी पढ़ें-Dengue Cases in Ludhiana: शहर में डेंगू का खतरा बढ़ा, एक ही दिन में 54 नए मरीज मिलने से हड़कंप

निगम ने एस्टीमेट तैयार कर टेंडर लगाया

नगर निगम ने लोहारा पुल से बाड़ेवाल तक जालियां लगाने के का एस्टीमेट तैयार करके टेंडर भी लगा दिया है। अगर टेंडर प्रक्रिया समय पर पूरी हुई तो अगले छह माह में सिधवां नहर के किनारे जाली लग जाएगी। नगर निगम इस पर 6.20 करोड़ रुपये खर्च करने जा रहा है। सिधवां नहर को गंदगी से बचाने के लिए पहले स्वयं सेवी संस्थाओं ने सिधवां नहर को गंदगी से बचाने के लिए पुलियों पर जालियां लगाई थी।

यह भी पढ़ें-एससी आयोग के चेयरमैन विजय सांपला ने लखबीर हत्याकांड में हरियाणा के डीजीपी से मांगी फैक्ट रिपोर्ट

निगम ने दो साल पहले नहर के बीच से निकालनी शुरू की थी गंदगी

यही नहीं नगर निगम के जोनल कमिश्नर जसदेव सिंह सेखों ने तो दो साल पहले नहर के बीच से गंदगी निकालनी भी शुरू की थी लेकिन उनके प्रयास भी नाकाफी साबित हुए क्योंकि नहर की तलहटी पर भारी मात्रा में कूड़ा जमा था। नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि जाली लगने से सिधवां नहर के कूड़ा गिरना बंद हो जाएगा।

यह भी पढ़ें-Stubble Burning In Punjab: पंजाब में पिछले साल से कम जली पराली, हवा की गुणवत्ता पर पड़ रहा असर

chat bot
आपका साथी