शहर में लगने वाले पुलिस नाकों पर बैरिकेड्स के विज्ञापनों पर नगर निगम पोतने लगी कालिख
शहर में लगने वाले पुलिस नाकों पर आपको बैरिकेड्स आम ही दिख जाएंगे।शहर के कई इंस्टीट्यूट व अन्य कंपनियां इसी बात का फायदा कई साल से उठा रही हैं।
लुधियाना, जेएनएन। शहर में लगने वाले पुलिस नाकों पर आपको बैरिकेड्स आम ही दिख जाएंगे। ये बैरिकेड सड़क के बीचो-बीच लगाए जाते हैं ताकि हर आने जाने वाले की नजर इस पर पड़े। ऐसे में ये बैरिकेड आउटडोर विज्ञापन के लिए सर्वोत्तम रहते हैं। शहर के कई इंस्टीट्यूट व अन्य कंपनियां इसी बात का फायदा कई साल से उठा रही हैं।
संस्थानों द्वारा बैरिकेड तैयार करवाते समय अपना नाम तो बड़े अक्षरों में लिखवा लिया जाता है और पुलिस का स्लोगन छोटा से छपवाकर इन्हें पुलिस को सौंप देती है। ऐसे में पुलिस को मुफ्त में बैरिकेड मिल जाते हैं और कंपनियों का प्रचार भी हो जाता है। इन सब में खाली हाथ रह जाता है नगर निगम। इसीलिए निगम ने अब शहर के सभी बैरिकेड्स पर कालिख पोतकर कंपनियों के नाम मिटाने शुरू कर दिए हैं।
पुलिस भी करती है बैरिकेड्स की डिमांड
शहर में ट्रैफिक कंट्रोल करना हो या कानून व्यवस्था लागू करना। इसके लिए पुलिस को मुख्य सड़कों पर बैरिकेडिंग करवानी होती है। इसमें पुलिस को काफी संख्या में बेरिकेड्स की जरूरत पड़ती है। ऐसे में पुलिस भी कंपनियों से संपर्क करके उनसे बेरिकेट्स की डिमांड करती है। कंपनियां भी बैरिकेड देते समय उस पर अपने बारे में लिख देती हैं। इससे थोड़े से पैसे खर्च करके कंपनियां कई सालों के लिए विज्ञापन साइट फिक्स कर लेते हैं।
ठेका कंपनी ने जताया है एतराज
दरअसल, निगम ने जिस कंपनी को आउटडोर विज्ञापन का कांट्रैक्ट दिया है, उसने निगम के पास आपत्ति दर्ज करवाई है। कंपनी का कहना है कि उनके साथ हुए करार में साफ लिखा है कि तय साइट्स के अलावा शहर में कहीं भी विज्ञापन नहीं लगाया जा सकेगा। ऐसे में बैरिकेड्स पर विज्ञापन लगाना नियमों के खिलाफ है।
नियमों का उल्लंघन है बैरिकेड्स से प्रचार
नगर निगम के एडिशनल कमिश्नर व विज्ञापन शाखा के प्रमुख संयम अग्रवाल ने बताया कि शहर में काफी संख्या में बैरिकेड्स हैं। इन पर विज्ञापन देना सीधे तौर पर नियमों का उल्लंघन है। इसीलिए बैरिकेड्स से विज्ञापन हटाए जा रहे हैं।