Ludhiana Lodhi Club के सचिवों का फैसला दरकिनार, मुक्तसर का कैटरर्स संभालेगा चार्ज; जानें पूरा मामला
कई दिनों से शहर में चर्चा का विषय बना लोधी क्लब कैटरर का मामला वीरवार को डिप्टी कमिश्नर एवं क्लब अध्यक्ष विरेंद्र कुमार शर्मा की अगुआई में हुई बैठक में हल तो कर लिए जाने की चर्चाएं है। भले अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
लुधियाना, [मुनीश शर्मा]। कई दिनों से शहर में चर्चा का विषय बना लोधी क्लब कैटरर का मामला वीरवार को डिप्टी कमिश्नर एवं क्लब अध्यक्ष विरेंद्र कुमार शर्मा की अगुआई में हुई बैठक में हल तो कर लिए जाने की चर्चाएं है। भले अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। सूत्रों की मानें तो डीसी संग क्लब सचिवों की हुई बैठक में इसका हल कर मुक्तसर के कैटरर्स को बड़ी किचन दिए जाने के संकेत है। लेकिन कैटरर्स मुक्तसर से होने की वजह से क्लब का भविष्य चिंता की और है। क्योंकि क्लब के सचिवों की ओर से अपनी रिपोर्ट में कमेटी की चेयरपर्सन नीरू कत्याल एवं डिप्टी कमिश्नर वरिंदर शर्मा को लिखित में कहा था कि यह कैटरर मुक्तसर से होने के साथ ही इसकी रिपोर्ट ठीक नही है। इसलिए उसे छोटा रेस्टोरेंट देकर पहले चेक किया जाए।
ऐसे में इसका लंबा अनुभव ना होने के चलते आने वाले भविष्य में यह क्लब के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। टेंडरिंग प्रक्रिया में केवल दो कैटरर्स होने की वजह से इस की ओर से 10 हजार रुपये की अधिक बोली दिए जाने के चलते नियमों को देखते हुए डिप्टी कमिश्नर की ओर से इसे ही बड़ी किचन की कैटरिंग दिए जाने की फैसला किया गया है। यह विवाद अभी कुछ समय के लिए तो हल हो गया है, लेकिन देखने योग्य होगा कि आने वाले दो-तीन महीनों में क्लब की कैटरिंग मुक्तसर से आने वाला कैटरर चला पाता है या अधिकारियों के लिए फैसले से क्लब के सदस्यों को नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
नीरू कत्याल को नजरंदाज करने पर बढ़ा था विवाद
लोधी क्लब की कैटरिंग को लेकर सचिवों की ओर से डीसी को रोशे कैटरर्स को फाइनल करने के लिए सिफारिश पत्र भेजा गया था। जिस पर कमेटी की चेयरपर्सन पीसीएस नीरू कत्याल खासी नाराज हुई। इसी के चलते डीसी की ओर से सातों सचिवों को शोकाज नोटिस कर इसका जवाब देने के लिए कहा गया था। डिप्टी कमिश्नर की ओर से जारी किए गए शोकाज नोटिस में इस बात का जवाब मांगा गया था कि अगर मुक्तसर का कैटरर 10 हजार रुपये ज्यादा प्रतिमाह का टेंडर दे रहा है, तो दूसरे को टेंडर देने की सिफारिश क्यों की गई।
इस पूरे मामले के बाद सोशल मीडिया पर अधिकारियों के रवैए को लेकर भी खूब चर्चाओं का दौर जारी रहा। ऐसे में इस मामले को फिलहाल तो निपटा दिया गया है। लेकिन अगर कैटरर्स सफल नहीं होता तो इससे अधिकारियों के रवैए की पूर्ण खिली उड़ सकती है।
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