लाठी के सहारे ही सही, आखिर सांसद रवनीत बिट्टू नजर तो आए

पिछले कुछ दिनों से सांसद रवनीत बिट्टू ने कार्यक्रमों में आना-जाना तो शुरू कर दिया है लेकिन हर जगह वह लाठी के सहारे चलते नजर आ रहे हैं।

By Edited By: Publish:Mon, 10 Aug 2020 05:00 AM (IST) Updated:Mon, 10 Aug 2020 08:56 AM (IST)
लाठी के सहारे ही सही, आखिर सांसद रवनीत बिट्टू नजर तो आए
लाठी के सहारे ही सही, आखिर सांसद रवनीत बिट्टू नजर तो आए

लुधियाना [राजन कैंथ]। मार्च में कोरोना वायरस का प्रकोप शुरू हुआ था। दूसरी बार सासद चुने गए रवनीत सिंह बिट्टू तब कहीं नजर नहीं आए। शिरोमणि अकाली दल और भाजपा के नेताओं ने तो यह कहना भी शुरू कर दिया था कि लुधियाना के सासद लापता हो गए हैं। कुछ समय बीतने के साथ ही सासद बिट्टू ने वीडियो कॉलिंग के जरिए जिले के लोगों से संपर्क करना शुरू कर दिया। कई सभाओं में वह वीडियो कॉलिंग के माध्यम से रूबरू होते नजर आए। अब पिछले कुछ दिनों से सांसद रवनीत बिट्टू ने कार्यक्रमों में आना-जाना तो शुरू कर दिया है लेकिन हर जगह वह लाठी के सहारे चलते नजर आ रहे हैं। इस बात से शहर के लोग अंजान थे कि आखिर उन्हें हुआ क्या है? पूछने पर कांग्रेस के सासद बिट्टू ने बताया कि उनके पैर में चोट लग गई थी। इस कारण उन्होंने बाहर आना-जाना बंद कर दिया था।

बधाई देने में सासद डेढ़ साल लेट

कई बार नेता अपने शहर या आसपास होने वाली घटनाओं को लेकर अपडेट ही नहीं रहते। कुछ ऐसा ही सासद रवनीत सिंह बिट्टू के साथ हुआ। वह एक साल पहले के आइएएस टॉपर को बधाई देकर सोशल मीडिया पर खूब ट्रोल हो रहे हैं। हुआ यूं कि सासद बिट्टू ने अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट डाली। उन्होंने यूपीएससी में पिछले साल 19वा रैंक लेने वाले हरप्रीत सिंह को बधाई देते हुए दोराहा, लुधियाना से उन्हें पहला आइएएस ऑफिसर बताया। कुछ ही समय में उनकी पोस्ट को 525 से ज्यादा लाइक मिले। 40 से ज्यादा लोगों ने कमेंट्स किए और उसे शेयर भी किया। फिर सासद के एक फॉलोअर ने पोस्ट के नीचे कमेंट किया कि वह हरप्रीत को बधाई देने में एक साल चार महीने लेट हैं, क्योंकि वह अप्रैल 2019 में टॉपर आया था, जबकि इस बार लुधियाना से राघव जैन ने देशभर में 127वा रैंक पाया है।

ज्यादा फोर्स का राज क्या है?

शहर का शिवपुरी चौक इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में है। इसलिए नहीं कि वहा कोई खास कार्रवाई हो रही है, बल्कि उस चौक पर पुलिस की अभूतपूर्व तैनाती है। सोशल मीडिया पर डाली पोस्ट में लोग लिख रहे हैं कि पाकिस्तान के बॉर्डर के बाद अगर कहीं सबसे ज्यादा पुलिस बल तैनात है तो शिवपुरी चौक में है। यहा पांच एएसआइ और पाच वॉलंटियर्स हर समय दिखाई देते हैं। सबसे अहम यह कि वे वहा ट्रैफिक को नियंत्रण करने में कोई योगदान नहीं देते। उनका सारा ध्यान सिर्फ इस तरफ होता है कि वाहनों के चालान कैसे काटे जाएं। वैसे आपको बता दें कि कुछ समय पहले पुलिस ने शहर के चार सबसे व्यस्त चौराहों को नो टॉलरेंस जोन घोषित किया था, मगर वहा भी केवल चार एएसआइ ही तैनात किए थे। न जाने शिवपुरी चौक पर ऐसा क्या है कि वहा इतनी फोर्स लगानी पड़ी।

शराब बहाई या नहीं किसने देखा

नशे के कारण पंजाब काफी चर्चा में रहता है। चाहे बादल सरकार हो या फिर कैप्टन सरकार का कार्यकाल हो। हाल ही में जहरीली शराब से सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। हर तरफ से दबाव बना तो मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब पुलिस को कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दे दिए। एकाएक फार्म में आई पुलिस ने हफ्ते भर में लाखों लीटर अवैध शराब और लाहन बरामद कर डाली। शराब की दर्जनों अवैध भट्ठियों को नष्ट किया। सवाल यह है कि क्या इससे पहले पुलिस को इन भट्ठियों की जानकारी नहीं थी। पुलिस के एक अधिकारी ने चुटकी लेते हुए कहा कि ऐसा लग रहा है जैसे पुलिस शराब तैयार करने के बर्तन अपने पल्ले से ही बरामदगी में डाल रही है। बरामद लाहन और शराब तो नदी में बहा दी जाती है। अब वो बहाई या नहीं, उसे मौके पर देखने कौन गया?

chat bot
आपका साथी