झूठ से किया धन एकत्रित अभिशाप बनकर निकलता है: अरुण मुनि
श्री सुदर्शन लाल महाराज के सुशिष्य आगमज्ञाता गुरुदेव श्री अरुण मुनि महाराज के सानिध्य में प्रार्थना सभा हुई।
संस, लुधियाना : एसएसजैन स्थानक सिविल लाइंस में संघशास्ता शासन प्रभावक गुरुदेव श्री सुदर्शन लाल महाराज के सुशिष्य आगमज्ञाता गुरुदेव श्री अरुण मुनि महाराज के सानिध्य में प्रार्थना सभा हुई।
अरुण मुनि ने कहा महल बनने के बाद मानव उसमें सुख से रह सकता है। इंसान की जिदगी में अच्छा-बुरा होता है। लेकिन, इंसान कभी बुरी जिदगी न जीएं। एक बाग में फूल व कांटे दोनों होते है। पर चुनना हमें स्वयं है। आज मानव महल में तिजोरी स्थापित करेंगे। धन की सुरक्षा हेतु तिजोरी लगाई जाती है। पहले जमाने में धन मटके में डाल कर उसे धरती में गाड़ देते थे। ताकि धन सुरक्षित रहे। तिजोरी का शाब्दिक अर्थ है कि इंसान तीन कारण से मन, वचन व काया से धन जोड़ता है। झूठ बोलकर, धोखाधड़ी करके, दिन रात एक करके पैसा बटोरता है। व तिजोरी भरता है। अत: आज मानव महल में संतोष की तिजोरी लगाएं। जितना मिला है व जो मिल रहा है, उसमें संतोष करें। पर आज व्यक्ति को संतोष नहीं है। थोड़ा सा धन मिलते ही दिखावा व प्रदर्शन करना शुरू कर देता है। खाना खाना, वस्त्र पहनना, मकान कोठी, बनाना सब दूसरों को दिखाने के लिए हो रहा है। अरे दो रोटी से मानव का पेट तो भर जाएगा। पर पेटी कभी नहीं भरता। अगर दौलत हमारे जीवन में लत लेकर आ रही है तो समझना चाहिए लक्ष्मी अभिशाप बनकर आई है।
उन्होंने कहा कि अपने लिए हुए व्रत नियमों के प्रति पूरे सचेत रहें। जो व्यक्ति अपने लिए नियम नहीं बनाता, उसे दूसरों के नियमों पर चलना पड़ता है।