जगराओं दाना मंडी में गेहूं की फसल में मुंह मार रहे पशु, पीने के पानी तक की उचित व्यवस्था नहीं
लुधियाना की जगराओं दानामंडी में गेहूं की फसल लेकर पहुंचे किसानों ने बताया कि यहा चारों तरफ गंदगी के ढेर लगे हैं जिनमें लावारिस पशु मुंह मारते रहते हैं। इनसे मंडी में उन्हें खुद अपनी फसल की सुरक्षा करनी पड़ रही है।
जगराओं (लुधियाना), जेएनएन। पंजाब सरकार ने 10 अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू की थी लेकिन जगराओं दानामंडी में चौथे दिन मंगलवार को खरीद शुरू हुई। इस कारण कारण जमींदारों व किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जगराओं दानामंडी में गेहूं की फसल लेकर पहुंचे किसानों ने बताया कि यहा चारों तरफ गंदगी के ढेर लगे हैं जिनमें लावारिस पशु मुंह मारते रहते हैं। इनसे मंडी में उन्हें खुद अपनी फसल की सुरक्षा करनी पड़ रही है।
किसान भूपिंदर सिंह, गुरचरण सिंह व सुरिंदर पाल सिंह ने बताया कि वे पिछले तीन दिनों से मंडी में फसल लेकर आए हैं। खरीद में देरी होने के कारण उन्हें रात भी मंडी में गुजारनी पड़ती है। जगराओं दानामंडी के आसपास लावारिस पशुओं का जमावड़ा लगा रहता है। ऐसे में मौका पाकर पशु मंडी में बिखरी गेहूं की फसल में मुंह मारने से बाज नहीं आते। उनसे फसल बचाने के लिए उन्हें लगातार इन पर नजर रखनी पड़ती है।
मंडी में फसल चोरी होने का भी डर
किसान जगतार सिंह व हररंग सिंह ने कहा कि मंडियों में रात को फसल चोरी होने का डर रहता है। इसलिए सारी रात जागने के लिए किसान एक-दूसरे की ड्यूटी लगाते है। इसके अलावा दाना मंडी की फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के अधीन आती फड़ का फर्श उबड़-खाबड़ है। ऐसे में फसल के दाने टूटे फर्श में ही जम जाते है। काउंके कलां के किसान बलजीत सिंह अपनी 14 एकड़ की गेहूं की फसल लेकर मंडी में ठहरे हैं। फड़ खराब होने से परेशान हैं क्योंकि फसल खराब हो जाती है।
मंडी के आसपास सफाई करवाने की मांग
जगराओं दानामंडी में आए किसानों का कहना है कि मेन शेड के पास पीने वाले पानी का नल है, जहां पर किसान, जमींदार व सब्जी मंडी के आढ़तिए पानी लेते है और लेबर बर्तन साफ करती है। यहां पर गंदगी के अंबार लगे हैं। किसानों ने मार्केट कमेटी से मंडी के आसपास सफाई का प्रबंध करवाने की मांग की है।