कोरोना मरीजों का इलाज छोड़कर सड़कों पर उतरे इंटर्न्स बोले, नो पे नो वर्क
क्रिश्चियन मेडिकल कालेज (सीएमसी) अस्पताल के कोविड वार्डों में ड्यूटी कर रहे एमबीबीएस पूरी कर चुके इंटर्न्स ने मंगलवार को सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया।
जागरण संवाददाता, लुधियाना : क्रिश्चियन मेडिकल कालेज (सीएमसी) अस्पताल के कोविड वार्डों में ड्यूटी कर रहे एमबीबीएस पूरी कर चुके इंटर्न्स ने मंगलवार को सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया। 60 से अधिक इंटर्न्स ने ड्यूटी का बायकट करते हुए अस्पताल के बाहर करीब पांच घंटे तक प्रबंधन के खिलाफ रोष जताया। सभी ने हाथ में 'नो पे नो वर्क' की तख्तियां पकड़ी थीं।
इंटर्न्स ने कहा कि हम लोग कोविड वार्ड में डयूटी दे रहे हैं और रोज 12-12 घंटे गंभीर मरीजों के बीच रह रहे हैं। इसके बावजूद हमारी सैलरी केवल 7800 रुपये है। इससे अधिक सैलरी मजदूरों की है। मुख्यमंत्री ने कुछ दिन पहले कहा था कि हर इंटर्न को प्रति माह 15 हजार रुपये मिलने चाहिए। दूसरे कालेजों में इतनी ही वेतन मिल रहा है, लेकिन सीएमसी में ऐसा क्यों नहीं हो रहा है। शाम चार बजे मैनेजमेंट ने इंटर्न्स को मीटिग के लिए बुलाया, जिसके बाद वह सभी अस्पताल में वापिस लौटे।
मरीजों को हुई परेशानी तो सीनियर डाक्टरों की लगाई ड्यूटी
उधर, इंटर्न्स के अचानक ड्यूटी छोड़ देने से कोविड वार्डो में मरीजों को परेशानी उठानी पड़ी। इसके बाद मैनजमेंट की ओर से तत्काल सीनियर डाक्टरों और रेजीडेंटस की ड्यूटी लगाई गई।
ड्यूटी से बचना चाहते हैं इंटर्न : डा. भंट्टी
सीएमसी अस्पताल के डायरेक्टर डा. विलियम भट्टी ने कहा कि इंटर्न्स का इस तरह का व्यवहार सरासर अनुचित और गैर जिम्मेदाराना है। सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे इंटर्न्स पिछले महीने एमबीबीएस करके डाक्टर बने हैं। सैलरी केवल बहाना है। यह सभी कोविड वार्ड में डयूटी करने से बचना चाहते हैं। इन सभी को को खुद ही सोचना चाहिए कि देश में इमरजेंसी जैसे हालात है। युद्ध जैसी स्थिति बनी हुई है। इस तरह की स्थिति में इन नए डाक्टरों को अपने व्यक्तिगत स्वार्थों को छोड़कर संक्रमितों की तरफ ध्यान देना जरूरी है।