Ludhiana Market Mood: तालाब बाजार के कारोबारी बोले- एक तरफ स्मार्ट सिटी का नारा, दूसरी तरफ बुनियादी सुविधाएं तक नहीं
तालाब बाजार में कारोबारी स्मार्ट सिटी के नारे को तो सराह रहे हैं लेकिन उनके बाजारों की तरफ कोई ध्यान न होने से परेशान हैं। कारोबारियों का कहना है कि पहले जो है उसे सुधार लिया जाए और बेसिक जरूरतों को पूरा कर दिया जाए।
लुधियाना, [मुनीश शर्मा]। औद्योगिक नगरी लुधियाना स्मार्ट सिटी बनने की ओर तेजी से अग्रसर है और कई बड़े बदलाव भी इसको लेकर शहर में किए जा रहे हैं, लेकिन लुधियाना की आर्थिक रीढ़ की हड्डी शहर के घने बाजार आज भी मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे हैं। इनमें साफ-सफाई से लेकर मूलभूत जरूरतें जैसे सड़कों की बेहतर स्थिति, स्ट्रीट लाइट, सीवरेज, पार्किंग और पार्को का रख-रखाव न होना अहम बात है। तालाब बाजार में कारोबारी स्मार्ट सिटी के नारे को तो सराह रहे हैं, लेकिन उनके बाजारों की तरफ कोई ध्यान न होने से परेशान हैं। कारोबारियों का कहना है कि पहले जो है उसे सुधार लिया जाए और बेसिक जरूरतों को पूरा कर दिया जाए, तो स्मार्ट सिटी से पहले बेसिक सिटी का सपना पूरा किया जा सकता है। इसको लेकर पंजाब सरकार को सोचना चाहिए।
बाजारों में बेसिक जरूरतों को लेकर भी दो चार होना पड़ता है। इसको लेकर सरकार को पहल करनी चाहिए। तभी स्मार्ट सिटी का लाभ हो सकता है।
-प्रेम कुमार
बाजार में सड़कों की हालत बेहद खस्ता है, कई जगह खड्डे होने के चलते अक्सर हादसे होते रहते हैं, इसके लिए पैच वर्क और जल्द नई सड़कें बनाई जाएं।
-साहिल शर्मा
सीवरेज सिस्टम अक्सर जाम रहता है, थोड़ी सी बरसात के बाद तालाब का रूप धारण कर लेता है, ऐसे में बाजारों को बेहतर करने के लिए सीवरेज सुचारू किया जाए।
-तरुण कुमार
प्रेम कुमार, साहिल शर्मा और तरुण कुमार।
बाजार में स्ट्रीट लाइटों की अहम आवश्यकता है। रात के समय कई ग्राहकों को परेशानी होती है, इसके लिए हैवी व्हीकल बाजारों में आवाजाही बंद की जाए।
-रमेश बांसल
पचास साल पहले बाजार जैसे थे, वैसे ही हालात आज भी हैं, सड़कों के खड्ढे और कचरे से दुकानदार खासे परेशान हैं।
-दिनेश कुमार
स्मार्ट सिटी बनाने से पहले सफाई व्यवस्था और बेसिक जरूरतों को पूरा किया जाए, कुछ इलाकों को बेहतर कर सारे शहर को स्मार्ट नहीं बनाया जा सकता।
-अवनीत बांसल
रमेश बांसल, दिनेश कुमार और अवनीत बांसल।
बाजार के साथ लगते पार्क के हालात बेहद खराब हैं। यहां गंदगी के अंबार लगे हैं, इसे पार्किंग एरिया के रूप में तब्दील कर लाभ दिया जा सकता है।
-लेखराज
ट्रैफिक को कंट्रोल करने के लिए भी कोई बेहतर बंदोबस्त नहीं है। स्मार्ट बनना है, तो इसके लिए पहले सिस्टम को बेहतर करना होगा।
-मधुर चावला
लेखराज व मधुर चावला।
बाजार में कोई टायलेट की सुविधा नहीं है। इतने घने बाजार हैं और यहां पर पंजाब भर से लोग आते हैं, सरकार को सार्वजनिक शौचालय बनाकर इनकी देखरेख करनी चाहिए।
-दीपक कुमार
कई बार कहने के बावजूद भी बाजारों में बेसिक जरूरतेें पूरी नहीं की जा रही, ऐसे में स्मार्ट सिटी के नाम पर केवल पाश इलाकों का सोचना गलत है।
-लखविंदर सिंह