मनरेगा मजदूरों ने बेरोजगारी भत्ते की मांग उठाई
पिछले डेढ़ वर्ष से कोरोना महामारी के कहर से कई वर्ग काम से वंचित हो गए है और उन्हें अपने परिवार का पालन पोषण करना मुश्किल हो गया है।
जागरण संवाददाता, जगराओं : पिछले डेढ़ वर्ष से कोरोना महामारी के कहर से कई वर्ग काम से वंचित हो गए है और उन्हें अपने परिवार का पालन पोषण करना मुश्किल हो गया है। सरकार ने गरीब व जरूरतमंद मजदूरों के लिए मनरेगा मुहिम शुरू की है, लेकिन कोरोना महामारी के चलते मनरेगा मजदूरों को रोजगार नही मिला था। ऐसे बेकार बेरोजगार बैठे मनरेगा मजदूरों के लिए जीवन जीना बहुत मुश्किल हो गया।
अपनी मांगों को लेकर मनरेगा मजदूरों ने ग्रामीण मजदूर यूनियन मशाल को अपनी समस्याओं के बारे में बताया। तब ग्रामीण मजदूर यूनियन मशाल के प्रधान डा.सुखदेव सिंह भूंदड़ी ने बताया कि मनरेगा मजदूरों को पिछले दो वर्ष से काम नही दिया जा रहा था जिसका जत्थेबंदी ने गंभीर नोटिस लिया। बीडीओ सिधवां को जत्थेबंदी की ओर से मांगपत्र दिया गया और चेतावनी दी गई कि यदि काम न दिया तो संघर्ष शुरू किया जाएगा। इस पर पंचायती विभाग ने जल्द काम दिया और जत्थेबंदी ने जीत रैली निकाली। मनरेगा मजदूरों ने मांग की है कि पिछले दो वर्ष का बेरोजगारी भत्ता दिया जाए नहीं तो संघर्ष किया जाएगा।
इस मौके पर जसवीर सिंह सीरा, छिदरपाल सिंह, मेजर सिंह फौजी, महिदर कौर, पुष्पा रानी, बेअंत कौर, अंजू, सुनीता रानी, दरबारा सिंह, भूंदड़ी सहित अन्य सदस्य मौजूद थे।