Makar Sankranti 2021: पवित्रता का पर्व है मकर संक्रांति, लुधियाना में गिल नहर पर स्नान करने उमड़े श्रद्धालु

Makar Sankranti 2021 लुधियाना में श्रद्धालुओं ने दरिया में स्नान करके सूर्य देव को जल चढ़ाया। इस दौरान सतलुज दरिया और गिल नहर पर श्रद्धालु उमड़ पड़े। पंचांग के मुताबिक मकर संक्रांति का पावन काल सुबह 0816 से शाम 0416 तक है।

By Rohit KumarEdited By: Publish:Thu, 14 Jan 2021 01:32 PM (IST) Updated:Thu, 14 Jan 2021 01:32 PM (IST)
Makar Sankranti 2021: पवित्रता का पर्व है मकर संक्रांति, लुधियाना में गिल नहर पर स्नान करने उमड़े श्रद्धालु
वीरवार सुबह सतलुज दरिया और गिल नहर पर स्नान करने के लिए श्रद्धालु उमड़ पड़े।

लुधियाना, डीएल डॉन। मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं ने दरिया में स्नान करके भगवान सूर्य को जल चढ़ाकर नमन किया। वीरवार सुबह सतलुज दरिया और गिल नहर पर स्नान करने के लिए श्रद्धालु उमड़ पड़े। पंचांग के मुताबिक मकर संक्रांति का पावन काल सुबह 08:16 से शाम 04:16 तक है। श्रद्धालु आज के दिन पूजा अर्चना करने के बाद माता पिता और गुरु जन से आशीर्वाद ले रहे हैं।

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मकर संक्रांति के दिन बनाते हैं व्यंजन

मकर संक्रांति के दिन तिल गुड़ के व्‍यंजन और चावल में मूंग की दाल मिलाकर बनाई गई खिचड़ी का सेवन करने से ऋतु-परिवर्तनजन्‍य रोगों से रक्षा होती है। इनका दान करने का भी विधान है। श्रद्धालु मकर संक्रांति के दिन ब्राह्मण को भोजन करवाते हैं।

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तिल का करते हैं कई तरह का उपयोग

मकर संक्रांति के दिन तिल के उपयोग का बड़ा महत्व है। श्रद्धालु आज के दिन भगवान को चढ़ाने वाली और खाने-पीने वाली वस्तुओं में तिल का उपयोग करते है। मकर संक्रांति पर्व पर तिल के उपयोग की महिमा पर प्रकाश डालते हुए पूज्‍य बापूजी ने कहा कि जो व्यक्ति मकर संक्रांति पर इन छह प्रकारों से तिलों का उपयोग करता है, वह परलोक में वांछित फल पाता है।

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