दानवीरों के घर ही आती है लक्ष्मी : रचित मुनि

गृहस्थ हेतु पैसा आवश्यक होता है पर सोचो पैसा कुछ है सब कुछ नहीं है। पैसे को साधना मानो साध्य मन मानो। महाराज श्री ने लक्ष्मी को टिकाने के उपाय बताए।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 08:15 PM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 08:15 PM (IST)
दानवीरों के घर ही आती है लक्ष्मी : रचित मुनि
दानवीरों के घर ही आती है लक्ष्मी : रचित मुनि

संस, लुधियाना : एसएस जैन स्थानक जनता नगर की सभा में विराजित जितेंद्र मुनि महाराज के सुशिष्य रचित मुनि महाराज ने कहा कि कौन बड़ा है लक्ष्मी या भाग्य? लक्ष्मी दो प्रकार की होती है द्रव्य लक्ष्मी का भाव लक्ष्मी। द्रव्य लक्ष्मी का अर्थ धन होता है तो भाव लक्ष्मी का अर्थ है मन की प्रसन्नता और उदारता। गृहस्थ हेतु पैसा आवश्यक होता है, पर सोचो पैसा कुछ है, सब कुछ नहीं है। पैसे को साधना मानो, साध्य मन मानो। महाराज श्री ने लक्ष्मी को टिकाने के उपाय बताए। जिस घर में दया दान होता है, उस घर में लक्ष्मी स्थिर हो जाती है। आगे उन्होंने कहा कि कल तक जिदगी मौन से चलती थी, आज लोन में चल रही है। माल घर ले आओ और किस्तें चुकाते रहो। टीवी, फ्रिज, वाशिग मशीन, एसी कार जैसे साधनों से देखते ही देखते घर भर गया। पूछो अब सुख भोग रहे हो। बोले नहीं तो, किस्तें चुका रहा हूं और किश्ते चुकाते एक दिन आदमी खुद चला जाता है। जितेंद्र मुनि ने बताया कि भाग्य कैसे चमकता है। पुण्य के बीज बोते रहो, नीयत ऊंची रखो, इज्जत के साथी बनो, गिरते को गिराओ न।

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