लुधियाना की राशि ने किया कमाल... जहां कभी फैली रहती थी दुर्गंध, वहां अब फिजा में तैर रही फूलों की खुशबू
लुधियाना के बुड्ढा दरिया के आसपास गंदगी के कारण दुर्गंध फैली रहती थी। राशि अग्रवाल ने यहां करीब पौना किमी इलाके में पौधे लगवाए। यहां अब फूलों की महक आती है।
लुधियाना [राजेश भट्ट]। महानगर लुधियाना के बुड्ढा दरिया के किनारों पर जहां पहले कूड़े की दुर्गंध फैली रहती थी, अब वो जगह फूलों की खुशबू से महकती है। आते-जाते लोग यहां कूड़ा फेंका करते थे। दरिया का बहाव भी बाधित होता था। जागरूक नागरिक राशि अग्रवाल इससे बहुत आहत थीं। पार्षद बनते ही उन्होंने दरिया के किनारे को कूड़ा मुक्त बनाने का संकल्प लिया। इस संकल्प को पूरा करने के लिए उन्होंने दरिया के किनारे पौना किलोमीटर के इलाके में कंटीली तार लगवाकर फूलों के पौधे लगाा दिए। अब यहां शानदार फूल खिले हैं।
राशि वार्ड नंबर 81 से पार्षद हैं। यहां से निकलने वाले कूड़े को अलग करके इससे कमाई की जा रही है। राशि अग्रवाल बताती हैं कि पिछले साल बरसात में बुड्ढा दरिया में पानी का स्तर बहुत बढ़ गया था। पवित्र नगर पुली पर कूड़ा जमा होने की वजह से दरिया का बहाव रुक रहा था। यहां पर बरसात में कूड़ा निकालने में निगम कर्मियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। मना करने के बावजूद लोग यहां कूड़ा फेंकना बंद नहीं कर रहे थे। तब उन्होंने कंटीली तार लगाने का फैसला किया। अब पौधे भी बड़े हो रहे हैं। इससे यह पौना किलोमीटर का एरिया कूड़ा मुक्त हो गया। वह खुद सुबह-शाम दरिया के किनारे निगरानी करने पहुंचती थीं। एनजीटी मॉनीटरिंग कमेटी के चेयरमैन रिटायर्ड जस्टिस जसबीर सिंह भी उनके इस प्रयास की सराहना कर चुके हैं। इस काम पर करीब दो लाख रुपये खर्च हुए हैं।
कूड़ा सेग्रिगेशन के लिए घर-घर जाती हैं राशि
राशि जब से पार्षद बनी हैं, अपने क्षेत्र में लोगों को सफाई और स्वच्छ भारत मिशन से जुडऩे के लिए प्रेरित करती रही हैं। युवा पार्षद ने अपने वार्ड को मॉडल वार्ड बनाने के लिए सोर्स पर ही कूड़े के सेग्रिगेशन की कमान खुद के हाथ में ली और घर-घर जाकर उन्होंने लोगों को गीला और सूखा कूड़ा अलग अलग करने के लिए प्रेरित किया। इसके लिए उन्होंने श्री भैणी साहिब के श्रद्धालुओं का सहारा भी लिया। नतीजा यह है कि उनके वार्ड में 95 फीसद घर कूड़े का सेग्रिगेशन कर रहे हैं। जो लोग ऐसा नहीं कर रहे हैं, उन्हेंं जागरूक करने के लिए राशि खुद वहां पहुंच जाती हैं। राशि का कहना है कि लोग सहयोग कर रहे हैं इसलिए उनकी मेहनत रंग ला रही है।