Punjab Power Crisis: बिजली संकट से लुधियाना की होटल इंडस्ट्री बेहाल, उद्यमी जेनरेटर से चला रहे काम

Punjab Power Crisis डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं। ऐसे में जेनरेटर पर बिजली भी काफी महंगी साबित हो रही है। इससे होटलों की आपरेशनल कास्ट में 20 से 25 फीसद तक इजाफा हो गया है। कम आक्यूपेंसी रेट के कारण किराये बढ़ नहीं पा रहे हैं।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Wed, 13 Oct 2021 09:34 AM (IST) Updated:Wed, 13 Oct 2021 09:34 AM (IST)
Punjab Power Crisis: बिजली संकट से लुधियाना की होटल इंडस्ट्री बेहाल, उद्यमी जेनरेटर से चला रहे काम
बिजली संकट का उद्योग जगत पर भी असर हो रहा है। (सांकेतिक तस्वीर)

जागरण संवाददाता, लुधियाना। Punjab Power Crisis: बिजली संकट से जहां आम आदमी दिक्कत में है, वहीं उद्योग जगत पर भी इसका सीधा असर हो रहा है। उद्योगों में उत्पादन प्रभावित हो रहा है, जबकि सर्विस सेक्टर का भी गणित बिगड़ रहा है। पावर कट से होटल इंडस्ट्री परेशानी में है। पिछले कुछ दिनों से रोजाना छह से आठ घंटे तक पावर कट लग रहे हैं। ऐसे में होटल उद्यमी जेनरेटर चलाकर बिजली की आपूर्ति कर रहे हैं।

डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं। ऐसे में जेनरेटर पर बिजली भी काफी महंगी साबित हो रही है। इससे होटलों की आपरेशनल कास्ट में 20 से 25 फीसद तक इजाफा हो गया है। कम आक्यूपेंसी रेट के कारण किराये बढ़ नहीं पा रहे हैं, नतीजतन उद्यमियों का मार्जेन लगभग खत्म हो गया है।

जेनरेटर से बिजली पड़ रही 20 रुपये यूनिट

होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ पंजाब ने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से आग्रह किया है कि होटल उद्योग को निर्विघ्न बिजली आपूर्ति का इंतजाम किया जाए। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अमरवीर सिंह कहते हैं कि डीजल की कीमत आसमान छू रही है। मंगलवार को शहर में डीजल का भाव 95.91 रुपये प्रति लीटर रहा। अब महंगे डीजल से जेनरेटर चला कर बिजली प्रति यूनिट 19 से 20 रुपये में पड़ रही है। होटल उद्योग में बिजली का काफी महत्व है। ग्राहकों की सुविधा के लिए इस सेक्टर को लगातार बिजली की जरूरत है। इससे उद्यमियों का सारा मार्जेन खत्म हो गया है। उन्होंने कहा कि बिजली संकट को शीघ्र ही हल करने के उपाय करने होंगे।

विपरीत परिस्थितियों में काम कर रहे होटल कारोबारी

एसोसिएशन के मुख्य सलाहकार अमरजीत सिंह का कहना है कि होटल उद्योग को पहले कोविड की मार पड़ी। अभी तक उसकी भरपाई तक नहीं हुई है। होटलों का आक्यूपेंसी रेट महज 40 से 50 फीसद तक है। ऐसे में पिछले दो साल से किराए नहीं बढ़ पाए हैं। अब बिजली संकट से आपरेशनल कास्ट बढ़ गई है। इसे मैनेज करने में दिक्कत आ रही है। इसके अलावा फूड उत्पादों में उपयोग होने वाले इनपुट भी महंगे हो गए हैं। होटल उद्यमी विपरीत परिस्थितियों में कारोबार कर रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि बिजली संकट का समाधान शीघ्र ही होगा।

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