हड़ताल ने रोकी मलेशिया में युवक की शादी, लुधियाना डीसी आफिस से नहीं मिल रहा जरूरी डाक्यूमेंट
लुधियाना डीसी कार्यालय के कर्मचारी 23 नवंबर से हड़ताल पर हैं। सेवा केंद्र में लोग लोग दस्तावेजों के लिए आवेदन कर रहे हैं। यह आवेदन जब डीसी एसडीएम और तहसीलदार कार्यालय में भेजे जा रहे हैं तो वहां पर आगे कार्रवाई नहीं की जा रही है।
जागरण संवाददाता, लुधियाना। डीसी आफिस के कर्मचारियों, राजस्व अधिकारियों और पटवारियों की हड़ताल का असर आम लोगों की जिंदगी पर भारी पड़ रही है। यहां तक कि हड़ताल के कारण मलेशिया में एक पंजाबी युवक की शादी तक रुकी हुई है। शादी करने के लिए सिंगल स्टेटस सर्टिफिकेट की जरूरत है जो उसे हड़ताल के कारण नहीं मिल पा रहा है। युवक का भाई डेढ़ माह से डीसी कार्यालय के चक्कर काट रहा है। वह सोमवार को भी डीसी दफ्तर की एमएम ब्रांच में पहुंचा लेकिन उससे पहले ही कर्मचारी दफ्तर बंद कर रोपड़ में रैली के लिए निकल चुके थे। आम लोग इस हड़ताल से बहुत परेशान हैं।
बता दें कि डीसी कार्यालय के कर्मचारी 23 नवंबर से हड़ताल पर हैं। इससे पहले भी कर्मचारी बीच-बीच में हड़ताल करते रहे हैं। सेवा केंद्र में लोग लोग दस्तावेजों के लिए आवेदन कर रहे हैं। यह आवेदन जब डीसी, एसडीएम और तहसीलदार कार्यालय में भेजे जा रहे हैं तो वहां पर आगे कार्रवाई नहीं की जा रही है। इस कारण लोगों को उनके दस्तावेज नहीं मिल रहे हैं।
अनिल कुमार ने कहा कि मलेशिया में भाई शादी होनी है। सिंगल स्टेटस सर्टिफिकेट की जरूरत है। डेढ़ माह पहले आवेदन किया था। तब से लगातार चक्कर लगा रहा हूं। कर्मचारियों की हड़ताल के कारण भाई की शादी रुकी हुई है।
ढाई हजार रजिस्ट्रियां नहीं हुईं
डीसी कार्यालय के कर्मचारी कार्यालय बंद कर सोमवार को रोपड़ में रैली के लिए गए थे। दिन भर कोई काम नहीं हुआ। वहीं सब रजिस्ट्रार कार्यालयों में भी हड़ताल रही। पिछले 18 दिन में करीब ढाई हजार रजिस्टियां प्रभावित हुई हैं।
आम जनता कार्यालयों के चक्कर लगाकर परेशान
शहर के प्रियांस ने कहा कि पिता का निधन हो चुका है। गाड़ी पिता के नाम पर है। गाड़ी को अपने नाम करवाने के लिए डीसी कार्यालय से प्रमाण पत्र चाहिए। बिना प्रमाण पत्र के गाड़ी को अपने नाम नहीं करवा पा रहे हैं।
नहीं बन पा रहे वारिस प्रमाण पत्र
डीसी आफिस परिसर में स्वर्ण सिंह ने कहा कि बेटे और बहू की मौत हो गई है। उनके दो बच्चे अनाथ हो गए हैं। बच्चों का वारिस प्रमाण पत्र बनाने के लिए सितंबर में आवेदन किया था। दोनों बच्चों को सरकारी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं।
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