Bihar Election 2020 Voting: वोट डालने के लिए लुधियाना के श्रमिकों ने पकड़ी घर की राह, 2500 रुपये देकर कर रहे बस यात्रा
बिहार में बिधानसभा चुनाव का असर लुधियाना तक पहुंच गया है। ट्रेनें बंद हैं लेकिन बड़ी संख्या में वोटर गांव का रुख कर रहे हैं। कई मामलों में तो प्रत्याशियों ने खुद उन्हें बिहार वापस बुलाने का इंतजाम किया है।
लुधियाना [डीएल डॉन]। इन दिनों बिहार में विधानसभा चुनाव प्रचार जोरों पर है। हर प्रत्याशी अपने वोटर दूसरे राज्यों बुलवा रहा है। लुधियाना से रोजाना सैकड़ों वोटर बिहार जा रहे हैं। बस में एक यात्री 2500 रुपये किराया देकर सफर कर रहा है। बुधवार को बिहार के सीतामढ़ी जाने वाले विनोद कुमार और सुरेश कुमार ने बताया कि चुनाव में उनके रिश्तेदार खड़े हैं। इस कारण उनका जाना जरूरी है। उन्होंने बताया कि पहले उन्होंने ट्रेन से जाने के लिए टिकट बुक करवाई थी। किसान आंदोलन के कारण ट्रेनें ठप होने से टिकट कैंसिल करवानी पड़ी है। अब बस से जा रहे हैं।
सुरेश ने बताया कि उनके यहां मतदान दूसरे चरण में है। इसलिए, वह थोड़ा लेट जा रहे हैं। जिन लोगों के यहां पहले चरण में मतदान है, वह जा चुके हैं। कुछ लोग बताते हैं कि विधानसभा चुनाव होने के कारण वहां से प्रत्याशियों ने अपने जान पहचान के वोटरों को पैसा भेजा है। इस कारण भी लोग वोट डालने अपने मूल गांव जा रहे हैं।
बिहार चुनाव के कारण बढ़ी भीड़
एक महीने पहले तक बसों में बिहार और उत्तर प्रदेश से भारी भीड़ आ रही थी। अब बिहार चुनाव नजदीक आने से अब पंजाब और हरियाणा से ज्यादा यात्री बिहार की तरफ कूच कर रहे हैं। बसों में सीट तक नहीं मिल पा रही है। एक सीट पर 2 पैसेंजर बिठकर बिहार ले जाए जा रहे हैं।
बस बुक करने की जानकारी देते हुए सुजीत कुमार ने बताया कि बिहार जाने वाले यात्री दशहरा, दीपावली, छठ पूजा के साथ चुनाव में हिस्सा लेने के लिए अपने गांव जा रहे हैं। इसके अलावा, जो लोग लॉकडाउन के कारण घर नहीं जा सके थे, वे भी अब बिहार कूच कर रहे हैं। बड़ी संख्या में लोग ऐसे भी हैं जो दो-तीन महीने काम करने के बाद त्योहार मनाने के लिए गांव जा रहे हैं।
जगह-जगह खुले हैं ऑफिस
श्रमिकों को बिहार ले जाने के लिए बस संचालकों ने लुधियाना में जगह-जगह ऑफिस खोल लिए हैं। खासतौर पर सलेम टाबरी, बस्ती जोधेवाल, मेहरबान, शेरपुर, ग्यासपुरा, कंगनवाल, जमालपुर, मुंडिया कलां, रामनगर में कार्यालय खोले गए हैं। संचालकों ने जगह-जगह बड़े-बड़े बोर्ड लगाए हैं। इन पर मोबाइल नंबर दिए गए हैं ताकि यात्री उनसे संपर्क कर कार्यालय तक पहुंच सके।
बस का किराया ज्यादा
यात्री अवधेश कुमार, संजीव कुमार और कौशल कुमार ने बताया कि बस का किराया काफी ज्यादा है लेकिन चुनाव के कारण उन्हें जाना पड़ रहा है। ट्रेन में रिजर्वेशन करवाने पर केवल 600 रुपये लगते हैं लेकिन बस में स्लीपर क्लास का किराया 2500 रुपये लिया जा रहा है। केवल बैठने की सीट के लिए 1800 से 2000 रुपये लिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि फेस्टिवल सीजन में ट्रेनों का परिचालन नहीं होना श्रमिकों के लिए विकट समस्या बन गया है। गांव जाना जरूरी है, इसलिए ज्यादा किराया देकर जाना पड़ रहा है।
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