सोशल मीडिया पर बहस का मुद्दा बना रायकोट का पुल तुगल
कस्बे का पुल तुगल इस समय सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। असल में कुछ दिन पहले युवा अकाली नेता प्रभजोत सिंह धालीवाल ने पुल तुगल का मुद्दा सोशल मीडिया पर उठाया और पोस्ट डालते हुए कहा कि यह पुल 10 दिसंबर 2016 को अकाली दल की सरकार की तरफ से पास किया गया था और इसका नींव पत्थर मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने किया था
जेएनएन। रायकोट
कस्बे का पुल तुगल सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। असल में कुछ दिन पहले युवा अकाली नेता प्रभजोत सिंह धालीवाल ने पुल तुगल का मुद्दा सोशल मीडिया पर उठाया। पोस्ट डालते हुए कहा कि यह पुल 10 दिसंबर 2016 को अकाली दल सरकार की ओर से पास किया गया था। इसका नींव पत्थर मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने रखा था। नहर बंदी नहीं होने के कारण इस पुल का निर्माण नहीं हो सका लेकिन कांग्रेसियों ने इस पुल का उद्घाटन करीब डेढ़ साल पहले किया व इसको 6 महीने में पूरा करने का प्रण लिया, लेकिन 2 साल बीत जाने के बाद भी इस पुल का निर्माण न हो सका। अकाली नेता ने सांसद डॉ. अमर सिंह को सोशल मीडिया पर संबोधन करते कहा कि इस पुल का निर्माण जल्द पूरा करवाएं।
दूसरी तरफ इसका जवाब देते हुए कांग्रेसी युवा नेता व सांसद डॉ. अमर सिंह के ओएसडी जगप्रीत सिंह बुट्टर ने कहा कि अकाली दल को कोई मुद्दा नहीं मिल रहा। लिहाजा अधूरी जानकारी के साथ आरोप लगा रहे हैं। यह आरोप कोरा झूठ हैं व असल सच्चाई से कोसों दूर हैं। अगर धालीवाल साहब पुल तुगल से कुछ मीटर ऐतियाना गांव की तरफ जाते तो वहां पर उन्हें पुल से संबंधित ढांचा तैयार किया हुआ मिल जाता। उन्होंने कहा कि यह पुल आधुनिक तरीके से तैयार किए जाने वाला है जो कई वर्षों तक सेवा निभाएगा और इसका बहुत सारा हिस्सा बनकर पूरा भी हो चुका है। कोरोना बीमारी के कारण टेक्निकल लेबर के उपलब्ध नहीं होने के कारण इस पुल के निर्माण में देरी हो रही है। सांसद अमर सिंह 2 करोड़ 80 लाख का बजट पहले ही सरकार से पास करवा चुके हैं।