लुधियाना के व्यापारी बोले- संडे लॉकडाउन में ट्रेड व इंडस्ट्री पर प्रतिबंधों का डटकर करेंगे विरोध
पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल के महासचिव सुनील मेहरा ने कहा कि करोनाकाल में कारोबारियों ने 1 लाख 30 हजार करोड़ रुपये का जीएसटी दिया है। लोगों ने भी सरकार को पानी सीवरेज बिजली बिल व अन्य टैक्स दिए हैं। बावजूद इसके सरकार ने करोनाकाल में कोई राहत नहीं दी।
लुधियाना, जेएनएन। पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल ने कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को लेकर पंजाब सरकार की ओर लगाए गए प्रतिबंधों का डटकर विरोध करने का एलान किया है। मंडल के राज्य महासचिव सुनील मेहरा, सचिव महेंद्र अग्रवाल, जिला अध्यक्ष रविंद्र सिंह मक्कड़, चेयरमैन पवन लहर ने मंडल कार्यालय माता रानी चौक में यह दावा किया। महासचिव सुनील मेहरा ने कहा कि करोनाकाल में कारोबारियों ने 1 लाख 30 हजार करोड़ रुपये का जीएसटी दिया है। लोगों ने भी राज्य सरकार को पानी, सीवरेज, बिजली बिल व अन्य टैक्स दिए हैं। बावजूद इसके राज्य सरकार ने करोना काल में कोई राहत नहीं दी।
अब पंजाब में कैप्टन सरकार ने 30 अप्रैल तक नाइट कर्फ्यू की अवधि 8 बजे से लेकर सुबह 5 बजे कर दी है। रविवार का लॉकडाउन लगा दिया है, जो कि व्यापारियों के साथ अन्याय है। इससे पंजाब में बेरोजगारी बढ़ रही है और अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ रहा है। अगर पंजाब सरकार ने कोरोना से लोगों को बचाना है, उसे मंत्रियों, पार्षदों की सहायता से टेस्टिंग को बढ़ाना होगा। लोगो को जागरूक करने के साथ ही उन्हें टीकाकरण के लिए प्रेरित करना होगा।
उन्होंने कहा कि मंदी की मार को देखते हुए सरकार ऐसे नादिरशाही फरमान जारी न करे जिनसे जनता बेहाल हो जाए। मेहरा ने कहा कि अगर कोरोना को हराना है तो यह सबके सहयोग से ही संभव हो सकता है। व्यापारी भी इसमें पूरा सहयोग करने को तैयार हैं लेकिन रविवार को लॉकडाउन का फरमान ट्रेड व इंडस्ट्री को तबाह करने वाला है। इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अब सरकार ने रविवार को होम डिलीवरी भी बंद कर दी है। जिन इलाकों में कंटेनमेंट जोन बन रहे हैं, उनमें व्यापारियों को कर्फ्यू पास भी नहीं जारी किए जा रहे हैं। इससे कई व्यापारियों का कारोबार ठप हो गया है। अगर यही हालत रहे तो व्यापारी सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे, जिसका खामियाजा राज्य सरकार को भुगतना पड़ेगा।
जिला सचिव महेंद्र अग्रवाल ने कहा कि दिल्ली में हुए लॉकडाउन का असर पंजाब की इंडस्ट्री पर दिखने लगा है। लॉकडाउन से कारोबारियों में चिंता की लकीरें साफ दिखने लगी हैं। वहीं मजदूरों में हड़कंप है। उन्होंने घरों की ओर पलायन करना शुरू कर दिया है। इस समय सबसे ज्यादा मजदूर लुधियाना में होजरी इंडस्ट्री में काम करते हैं। कोरोना महामारी के कारण होजरी इंडस्ट्री का उत्पादन 70 फीसदी नीचे आ चुका है। एडवांस में माल तैयार करवाने वाले अन्य प्रदेशों के व्यापारी भी अपने हाथ पीछे खींचने लगे है। कोरोना काल के दौरान इंडस्ट्री को 3 लाख करोड़ का नुकसान हो चुका है। पंजाब में 50 प्रतिशत उद्योग बंद हो चुके हैं। 5 लाख के करीब लेबर वापस नहीं आई है। जिला अध्यक्ष अरविंदर सिंह मक्कड़ व चेयरमैन पवन लहर ने कहा कि कैप्टन सरकार की लगाई पाबंदियों से व्यापार जगत में रोष है।