NPA कटौती के विरोध में हड़ताली डॉक्टरों ने लुधियाना सिविल सर्जन ऑफिस में जड़ा ताला, सरकार के खिलाफ नारेबाजी
पीसीएमएस एसोसिएशन के आह्वान पर सुबह नौ बजे डॉक्टर सिविल सर्जन कार्यालय में एकत्रित हुए। फिर सिविल सर्जन डॉ. किरण आहलूवालिया से मीटिंग की। उन्होंने सवा दस बजे सिविल सर्जन ऑफिस पर ताला लगाकर पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
जागरण संवाददाता, लुधियाना। महानगर सहित पूरे पंजाब में मरीजों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। नान प्रैक्टिस अलाउंस में कटौती के खिलाफ पिछले करीब 46 दिन से चल रही डॉक्टरों की हड़ताल मुखर होती जा रही है। छठे पे कमीशन की रिपोर्ट को लेकर विरोध कर रहे सरकारी अस्पतालों के डाक्टरों ने सोमवार सुबह सिविल सर्जन कार्यालय को ताला को ताला जड़ दिया। पीसीएमएस एसोसिएशन के आह्वान पर सुबह नौ बजे डॉक्टर सिविल सर्जन कार्यालय में एकत्रित हुए। फिर सिविल सर्जन डॉ. किरण आहलूवालिया से मीटिंग की।
उन्होंने सवा दस बजे सिविल सर्जन ऑफिस पर ताला लगाकर पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।इस दौरान पीसीएमएस एसोसिएशन के एग्जेक्टिव मैंबर डा. अखिल सरीन, पीसीएमएस एसोसिएशन लुधियाना के प्रेसिडेंट डॉ. हरप्रीत सेखों, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट डॉ. एम भसीन, डॉ. संदीप सिंह, पीसीएमएस एसोसिएशन सिविल अस्पताल के प्रेसिडेंट डॉ. कुलवंत सिंह, डॉ. आशीष चावला, डॉ. रिपु दमन, डॉ. पुनीत,डॉ. धीरज, डॉ. हरप्रीत बैंस, डॉ. अमनप्रीत, डॉ. दविंदर, डॉ. अमृत, डॉ. रोहित रामपाल, डॉ. जीएस ग्रेवाल, डॉ. हरीश सहित करीब 50 से अधिक डॉक्टर मौजूद रहे।
डॉक्टरो का कहना था कि सरकार उनकी जायज मांग को पूरा नही कर रही। कोरोना काल मे डॉक्टर अपनी जान जोखिम में डालकर ड्यूटी दे रहें हैं। उसके बाद भी सरकार ने गलत फैसला लेकर प्रोत्साहित करने के बजाय उन्हें मुश्किल में डाला है। पीसीएमएस एसोसिएशन के एग्जेक्टिव मेंबर डा. अखिल सरीन ने कहा कि सिविल सर्जन दफ्तर बंद करने के बावजूद भी अगर सरकार ने उनकी मांगों को पूरा नहीं किया, तो फिर पांच अगस्त को चंडीगढ़ में डायरेक्टर हेल्थ सर्विसेज के दफ्तर पर ताला जड़ा जाएगा।
सोमवार को लुधियाना में प्रदर्शन करते हुए सरकारी डॉक्टर।
ओपीडी सेवाएं 5 अगस्त तक बंद, बढ़ेंगी मरीजों की परेशानी
उन्होंने कहा कि सोमवार को डिस्ट्रिक सिविल अस्पताल सहित जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं पांच अगस्त तक के लिए ठप्प रखी जाएंगी। अस्पताल की ओपीडी में आने वाले किसी भी मरीजों को डाक्टर नहीं देखेंगे। जिसकी वजह से मरीजों की परेशानी फिर से बढ़ेगी। हालांकि कोविड से जुड़ी डयूटी, पोस्टमार्टम डयूटी, मेडिकोलीगल एग्जामिनेशन व इमरजेंसी में डाक्टर अपनी डयूटी पहले की तरह ही देंगे।
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