जरूरतमंदों की सेवा में अग्रसर है भगवान राम चेरिटेबल अस्पताल

रामलीला दशहरे उत्सव के साथ-साथ जरूरतमंदों के लिए भी अग्रसर है भगवान राम चेरिटेबल अस्पताल। भगवान राम चेरिटेबल अस्पताल की स्थापना 1 मई 1994 को स्व. प्रेम पराशर की अध्यक्षता में उस समय के मुख्यमंत्री पंजाब स्व. बेअंत सिंह ने की थी।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 06:22 PM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 06:22 PM (IST)
जरूरतमंदों की सेवा में अग्रसर है भगवान राम चेरिटेबल अस्पताल
जरूरतमंदों की सेवा में अग्रसर है भगवान राम चेरिटेबल अस्पताल

संस, लुधियाना : रामलीला, दशहरे उत्सव के साथ-साथ जरूरतमंदों के लिए भी अग्रसर है भगवान राम चेरिटेबल अस्पताल। भगवान राम चेरिटेबल अस्पताल की स्थापना 1 मई 1994 को स्व. प्रेम पराशर की अध्यक्षता में उस समय के मुख्यमंत्री पंजाब स्व. बेअंत सिंह ने की थी। उसी वर्ष एक माह के बाद स्व. केवल कृष्ण मरवाहा के मार्गदर्शन से लगातार 2017 तक अस्पताल को ऊंचियों तक पहुंचाया। वर्ष 2018 के बाद प्रधान सुरेश सलूजा की टीम ने कमान संभाली, जिसमें हरेक वर्ग के लोगों का कम रेटों पर इलाज किया जा रहा है। 26 साल से चल रहे अस्पताल में 12 ओपीडी विभाग, एक्सरे, लेडोस्कोपी, ओटी, ईएमई विभाग, इंडोर विभाग, ईसीजी कार्य कर रहे है। इनमें लगभग हर वर्ष 1 लाख से ऊपर मरीजों की जांच की जाती है। इसके अलावा अस्पताल को 80 जी इनकम टैक्स की छूट मिली हुई है। प्रधान सुरेश सलूजा ने बताया कि पूरा अस्पताल एसी है और 12 एमडी, 10 एमबी डाक्टर व 123 के लगभग स्टाफ अपनी सेवाएं दे रहा है। इस समय प्रधान सुरेश सलूजा सहित, महामंत्री प्रवीण भनोट, कोषाध्यक्ष दिनेश मरवाहा की 51 सदस्यीय टीम कोविड वैक्सीनेशन कैंप लगाकार जरूरतमंदों को सेवा दे रहे है। इसके अलावा दशहरा का सबसे प्राचीनतम रामलीला मेला का इतिहास भी काफी प्राचीन रूप से अब जारी है। कभी शहर के बीचों-बीच दरेसी मैदान का दशहरा मेला देखने के लिए लुधियाना के आसपास सहित, बाहर से लोग आकर इसका आनंद उठाते थे। अब अस्पताल बना है, जिसमें हर प्रकार के कैंप लगाएं जाते है, ताकि जरूरतमंदों को भटकना न पड़े।

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