लुधियाना के साहनेवाल में पिता के निधन के बाद पुत्री ने संभाली कथा व्यास की गद्दी

ओम प्रकाश शास्त्री की दूसरे नंबर की पुत्री आरती आरंभ से ही मंदिर का कार्यभार संभालती थी। मंदिर में बैठकर महिला श्रद्धालुओं को भगवान की कथा सुनाया करती थी। पिता के निधन के बाद अब उन्होंने कथा व्यास की गद्दी संभाल ली है।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 11:57 AM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 11:57 AM (IST)
लुधियाना के साहनेवाल में पिता के निधन के बाद पुत्री ने संभाली कथा व्यास की गद्दी
श्री हरमिलाप प्रेम मंदिर में पंडित ओम प्रकाश शास्त्री की पुत्री आरती ने कथा व्यास की गद्दी संभाल ली है।

जासं, लुधियाना। साहनेवाल के नंदपुर स्थित श्री हरमिलाप प्रेम मंदिर में स्व. पंडित ओम प्रकाश शास्त्री की पुत्री आरती शुक्ला ने सामाजिक बेड़ियां तोड़ते हुए पिता की गद्दी संभाल ली है। पिछले दिनों पिता का निधन होने के बाद बड़ा प्रश्न यह उठा था कि उनका कार्य कौन आगे बढ़ाएगा। बेटा अभी छोटा है और तीन बेटियां हैं। इसके बाद दूसरे नंबर की बेटी आरती ने पिता की गद्दी संभाली है। 

उन्होंने मंगलवार को कथा कहते हुए कार्तिक मास का महत्व बताया। आरती ने बताया कि शास्त्रों में कार्तिक मास को उत्तम बताया गया है क्योंकि इस महीने में भगवान विष्णु निद्रा से जागते हैं। स्कंद पुराण के अनुसार, भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र कार्तिकेय ने तारकासुर का वध भी इसी महीने में किया था। इसके लिए इसका नाम कार्तिक पड़ा। साथ ही भगवान विष्णु नारायण रूप में धरती पर जल में विश्राम करते हैं। इस मास में पवित्र नदियों में स्नान, दान, उपासना, हवन आदि करने के विशेष महत्व है। कथा के बाद आरती की गई और प्रसाद भक्तों के बीच बांटा गया। 

पिता के निधन के बाद आरती शुक्ला ने संभाली कथा व्यास की गद्दी

उल्लेखनीय है कि पंडित ओम प्रकाश शास्त्री के निधन के बाद परिवार में मायूसी छा गई थी। बड़ा सवाल था कि नाम को आगे बढ़ाने और कथा व्यास की गद्दी संभालने का काम कौन करेगा। ओम प्रकाश शास्त्री जी की तीन पुत्रियां और एक पुत्र है। पुत्र बहुत छोटा है और अभी वह कथा व्यास की गद्दी नहीं संभाल सकता। ओम प्रकाश शास्त्री की दूसरे नंबर की पुत्री आरती आरंभ से ही मंदिर का कार्यभार संभालती थी। मंदिर में बैठकर महिला श्रद्धालुओं को भगवान की कथा सुनाया करती थी। पिता के निधन के बाद अब उन्होंने कथा व्यास की गद्दी संभाल ली है।

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