चातुर्मास हर व्यक्ति के लिए आत्म चितन का समय: मुनि भूपेंद्र कुमार

तेरापंथ धर्म संघ के 11वें आचार्य महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि भूपेन्द्र कुमार अपने सहवर्ती संत मुनि पदम कुमार ठाणा-2 के साथ वीरवार को आचार्य तुलसी कल्याण केंद्र भवन में मंगलमय प्रवेश किया। मुनि श्री ने सैकड़ों किमी की पदयात्रा संपन्न कर तीन नंबर डिवीजन से यात्रा आरंभ कर तेरापंथ भवन में पधारे।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Jul 2021 07:06 PM (IST) Updated:Thu, 22 Jul 2021 07:06 PM (IST)
चातुर्मास हर व्यक्ति के लिए आत्म चितन का समय:  मुनि भूपेंद्र कुमार
चातुर्मास हर व्यक्ति के लिए आत्म चितन का समय: मुनि भूपेंद्र कुमार

संस, लुधियाना : तेरापंथ धर्म संघ के 11वें आचार्य महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि भूपेन्द्र कुमार अपने सहवर्ती संत मुनि पदम कुमार ठाणा-2 के साथ वीरवार को आचार्य तुलसी कल्याण केंद्र भवन में मंगलमय प्रवेश किया। मुनि श्री ने सैकड़ों किमी की पदयात्रा संपन्न कर तीन नंबर डिवीजन से यात्रा आरंभ कर तेरापंथ भवन में पधारे।

श्रावक-श्राविकाओं के जनसमूह ने चातुर्मास के लिए पधारने पर भव्य स्वागत किया। श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा के मंत्री राजेश सेठिया ने चातुर्मासिक प्रवेश पर अपने भावपूर्ण विचार व्यक्त किए। तेरापंथ महिला मंडल की अध्यक्ष इंदु सेठिया ने स्वागत भाषण पेश किया। इस दौरान मुख्य मेहमान भाजपा जिलाध्यक्ष पुष्पेंद्र सिघल ने तेरापंथी सभा में प्रवेश कर मुनि श्री का स्वागत कर इसे परम सौभाग्य बताया। कहा कि संतों का समागम है वह बहुत ही मुश्किल से होता है। संत ही हमेशा संस्कृति के निर्माण करने वाले होते हैं। तेरापंथ युवक परिषद अध्यक्ष धीरज सेठिया ने अपने स्वागत भाषण में बताया कि मुनि श्री लगातार एकान्तर तप करते हुए मौन साधना की आराधना करते हुए, बिना अन्नाहार पारणा करते हुए तप में निरंतर लीन है। उन्होंने अपनी पूरी तेरापंथ युवक परिषद की टीम की ओर से अभिनंदन किया।

उपासक श्रेणी के संयोजक सूर्य प्रकाश सामसुखा, उपासिका विनोदा देवी सुराणा, तेयूप सह-अध्यक्ष तरुण जैन सुराणा सहित अ. भा. तेयुप जैन संस्कार विधि के राजस्थानी प्रभारी सुनील मणोत ने गुरुदेव के प्रति अपने भाव रखे। इस अवसर पर तेरापंथ महासभा के पंजाब प्रभारी कुलदीप जैन सुराणा ने मुनि भूपेंद्र कुमार के लुधियाना चातुर्मास को प्रबल पुण्यायी महानगर का माना व आपके सफलतापूर्वक चातुर्मास की मंगल कामना की। मुनि श्री पदम कुमार ने अपने उद्बोधन को गीतिका के माध्यम से फरमाया कि सभी श्रावक समय को व्यर्थ न गंवाते हुए चातुर्मास के हर क्षण का लाभ उठाएं। मुनि श्री भूपेंद्र कुमार ने कहा कि श्रावक को नि.स्वार्थ भाव से बिना नाम की कामना करते हुए काम करते रहना चाहिए। श्रावकों को प्रतिदिन एक घंटे मौन साधना के साथ सामायिक करनी है। इस दौरान टीना गहलोत, गुप्ता चेन्नई, पूना भंडारी ने विचार रखे। मंच संचालन की रस्म मनोज धारीवाल ने निभाई।

इस अवसर पर कमल जैन नवलक्खा, प्रवीण भंडारी, विनीत वैद, अरुण भूरा, अमित भूरा, प्रदीप सेठिया, राजू बुच्चा, संजय लोढ़ा, विशाल दुग्गड़, प्रदीप, विनोद देवी सुराणा, मंजू देवी वैद, पुखराज चौरडिया, सुनील पारख, राकेश गर्ग, राजेश वैद, रुपेश चौरिडया, जयंत सेठिया, गौरव बोधरा, मनीष कांकरिया आदि शामिल थे।

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