संस्कारों का जागृत होना ही सच्चा जागरण : मुनि भूपेंद्र कुमार

जीवन निर्माण में संस्कारों का अपने आप में बहुत बड़ा योगदान होता है। जिस परिवार में बचपन काल में बच्चों में अच्छे संस्कार आने प्रारंभ हो जाते हैं वह परिवार अपने आप ही आगे जाकर संस्कारी परिवार के रूप में उभरकर सामने आना प्रारंभ कर देता है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 05:41 PM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 09:00 PM (IST)
संस्कारों का जागृत होना ही सच्चा जागरण : मुनि भूपेंद्र कुमार
संस्कारों का जागृत होना ही सच्चा जागरण : मुनि भूपेंद्र कुमार

संस, लुधियाना : जीवन निर्माण में संस्कारों का अपने आप में बहुत बड़ा योगदान होता है। जिस परिवार में बचपन काल में बच्चों में अच्छे संस्कार आने प्रारंभ हो जाते हैं वह परिवार अपने आप ही आगे जाकर संस्कारी परिवार के रूप में उभरकर सामने आना प्रारंभ कर देता है। जीवन निर्माण में संस्कारों का अपने आप में बहुत बड़ा योगदान होता है। उपरोक्त विचार तुलसी कल्याण केंद्र तेरापंथ भवन के प्रांगण में प्रवचन सभा को संबोधित करते हुए मुनि भूपेंद्र कुमार ने व्यक्त किए।

उन्होंने आगे कहा वह परिवार धन्य होता है, जिस परिवार के व्यक्ति संयम पथ पर आगे बढ़ना प्रारंभ कर देते हैं। एक ऐसा ही परिवार का एक सदस्य आज हमारे महानगर शहर में उपस्थित है यह परिवार मेवाड़ के राजसमन्द जिले के भीम का गन्ना परिवार है। जिस परिवार में 10अधिक दीक्षार्थी हैं। वह परी संपन्न हो गई है। 11वीं कक्षाथी की तैयारियां प्रारंभ हो गई है। इस परिवार में बचपन काल में जो भी पुत्रवधू घर पर आती है। सबसे पहले उसको संकल्प कराया जाता है। तुम्हारे गर्भ से पैदा होने वाले बच्चे हैं वह यदि संयम पथ पर आगे बढ़ना चाहते हैं तो उन बच्चों को मना ही करने का त्याग है। इस संकल्प शक्ति के साथ में जब परिवार को आगे बढ़या जाता है।

इस अवसर पर तेरापंथ सभा के अध्यक्ष विमल पितलिया एमपी ने कहा कि आज मैं अपने जीवन के विकास के लिए सबसे ज्यादा संस्कारों को ही मानता हूं। मेरे परिवार ने मेरे को अच्छे संस्कार दिए। जिसके कारण मेरे मन के अंदर अध्यात्म की भावना है वह जागृत हुई है । और आज हमारा छोटा सा केसूर गांव है वह भी जागृत गांव के रूप के रूप उभरकर सामने आया है।

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