सोमवती अमावस्या पर भगवान शिव की करें आराधना : शून्य प्रभु

सतलुज किनारे स्थित शनिगांव में हवन यज्ञ व प्रवचन सभा का आयोजन किया गया। इस मौके श्रद्धालुओं ने हवन यज्ञ में आहुतियां डाली व तेलाभिषेक कर सुख व शांति मांगी।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 10 Apr 2021 06:24 PM (IST) Updated:Sat, 10 Apr 2021 06:24 PM (IST)
सोमवती अमावस्या पर भगवान शिव की करें आराधना : शून्य प्रभु
सोमवती अमावस्या पर भगवान शिव की करें आराधना : शून्य प्रभु

संस, लुधियाना : सतलुज किनारे स्थित, शनिगांव में हवन यज्ञ व प्रवचन सभा का आयोजन किया गया। इस मौके श्रद्धालुओं ने हवन यज्ञ में आहुतियां डाली व तेलाभिषेक कर सुख व शांति मांगी। प्रवचन सभा में शून्य प्रभु ने कहा कि इस वर्ष में केवल एक सोमवती अमावस्या का योग है, जोकि 12 अप्रैल को पडे़गा। अमावस्या तिथि 11 अप्रैल सुबह 6:03 मिनट से शुरू होकर 12 अप्रैल सुबह 8 बजे तक रहेगी। उन्होंने कहा कि इस दिन सबसे पहले स्नान कर सूर्य को जल दें और पितरों को जल दें एवं पितृ तर्पण करें। उसके बाद किसी ब्राह्मण को भोजन कराएं और अपने समर्थ के अनुसार वस्त्र आदि दान करें। सोमवती अमावस्या पर पीपल और तुलसी के पूजन का भी कई गुणा लाभ होता है। जिन लोगों की शनि जी की दशा या साढ़ेसती यथा चल रही है। वह पीपल पर दीया जलाएं और शनिदेव के गुरु शिव का पूजन करें। इसके अलावा कुंवारी कन्याएं शिव का व्रत करें तथा शिव पार्वती का पूजन करें। उन्होंने कहा कि इन विशेष संयोगों में की गई। पूजा पाठ दान पुण्य आदि का महत्व कई गुणा बढ़ जाता है।

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