मित्रता एक अनमोल उपहार: भरत मुनि

श्रमण संघीय सलाहकार भीष्म पितामह तपस्वी रत्न गुरुदेव सुमित प्रकाश मुनि म. सा. के सुशिष्य अचल मुनि व भरत मुनि एसएस जैन स्थानक शिवपुरी में विराजमान है। आज की सभा में गुरुदेवों के सानिध्य में मित्रता दिवस मनाया गया। सभा में गुरुदेव भरत मुनि ने कहा कि मित्रता एक अनमोल उपहार है जिसका साथ मिल गया वो तर गया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 08:58 PM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 08:58 PM (IST)
मित्रता एक अनमोल उपहार: भरत मुनि
मित्रता एक अनमोल उपहार: भरत मुनि

संस, लुधियाना : श्रमण संघीय सलाहकार भीष्म पितामह, तपस्वी रत्न गुरुदेव सुमित प्रकाश मुनि म. सा. के सुशिष्य अचल मुनि व भरत मुनि एसएस जैन स्थानक शिवपुरी में विराजमान है। आज की सभा में गुरुदेवों के सानिध्य में मित्रता दिवस मनाया गया। सभा में गुरुदेव भरत मुनि ने कहा कि मित्रता एक अनमोल उपहार है, जिसका साथ मिल गया, वो तर गया।

उन्होंने कहा कि पांच तरह के मित्र होते है। पहला होता थाली वाले, इसमें हमेशा आपको खाने वाले मित्र ही मिलेंगे, जो खाते पीते रहेंगे, काम नहीं आएंगे। दूसरा मित्र है प्याली- यह मित्र पीने वालों की कैटेगरी में आते है। जो सिर्फ पीने की बात ही करते है, निठठ्ले होते है। तीसरे ताली मित्र यह वो होते है हमेशा प्रशंसा करके अपना कार्य निकालने का प्रयास करते है, जैसे कि चापलूसी करना इनका कार्य है। चौथे मित्र खाली मित्र की संज्ञा दी गई है, इनसे हमेशा सिर्फ हैलो हाय रखें, इनसे बचे। एक है माली मित्र, जैसे एक माली वृक्षारोपण के लिए खाद्य, पानी आदि देकर बड़ा करता है, फिर उस पर कैंची चला देता है। इसलिए हमेशा कल्याण मित्र बने। मित्र वहीं है जो सुख व दुख में आपके साथ खड़ा हो।

उन्होंने कहा कि मित्र किसे बनाएं, जिसका अच्छा रहे चारित्र, जो वातावरण को महक दे, इत्र कर दे, जो जीवन को चमका दे, उसे एक सच्चा मित्र कहते है। उसको ओर अग्रसर रहे, वैसा बनने की कोशिश करे। उन्होंने आगे कहा कि तीन चीजों नसीब वालों को मिलती है। अच्छी पत्नी, अच्छी संतान व अच्छा मित्र। इस अवसर पर साहित्य रत्न डा. मुलख राज जैन, अध्यक्ष विनीत जैन, महामंत्री राजीव जैन सहित, सतीश जैन पब्बी, कोषाध्यक्ष कुलदीप जैन आदि महिला मंडल, वर्धमान युवक मंडल, युवती मंडल व समस्त पदाधिकारी शामिल थे।

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