अहंकार से दूरी बनाकर रखे मनुष्य : भरत मुनि

भरत मुनि महाराज ने कहा कि सहन करो सामना मत करो। इच्छा से या अनिच्छा से सहन तो करना ही पड़ेगा। मानव को परमात्मा ने महान क्यों बताया? मानव को आर्य क्षेत्र मिला पांच इंद्रियां मिली को ही आर्य क्षेत्र पांच इंद्रियां तिर्यंच को भी मिली फिर भी मनुष्य को ही महान कहा-कारण एक ही है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 15 Sep 2021 09:12 PM (IST) Updated:Wed, 15 Sep 2021 09:12 PM (IST)
अहंकार से दूरी बनाकर रखे मनुष्य : भरत मुनि
अहंकार से दूरी बनाकर रखे मनुष्य : भरत मुनि

संस, लुधियाना : एसएस जैन स्थानक शिवपुरी में मधुर वक्ता अचल मुनि, भरत मुनि सुखसाता विराजमान है। इस अवसर पर भरत मुनि महाराज ने कहा कि सहन करो, सामना मत करो। इच्छा से या अनिच्छा से सहन तो करना ही पड़ेगा। मानव को परमात्मा ने महान क्यों बताया? मानव को आर्य क्षेत्र मिला, पांच इंद्रियां मिली को ही आर्य क्षेत्र, पांच इंद्रियां तिर्यंच को भी मिली, फिर भी मनुष्य को ही महान कहा-कारण एक ही है। मनुष्य के पास मन है। पांच इंद्रियां और मन सहित जीव संज्ञी कहलाता है। और मन के बिना जीव असंज्ञी कहलाता है। मन सीढ़ी जैसा है, जिसके माध्यम से ऊपर नीचे जाया जा सकता है। जीव मन से ही तो मोक्ष में, नरक में, संसार में परिभ्रमण करने वाला बनता है। उन्होंने आगे कहा कि दो तरह से चीजें सदा छोटी नजर आती है। एक दूर से दूसरी गरूर से। अहंकारी इंसान को सारी दुनिया कीडे़-मकौड़े की तरह नजर आती है। जो इस अंहकार से दूर रह जाता है, वही बड़ा है। रावण, कौरव, कंस जैसे बडे़-बड़े लोग अपने अहंकार के कारण ही मरे हैं। अहं को छोड़ोगे तो सदा अर्हम को पाओगे।

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