स्वाध्याय करने से जीवन को मिलती है शांति : अचल मुनि

श्रमण संघीय सलाहकार भीष्म पितामह तपस्वी रत्न गुरुदेव सुमित प्रकाश मुनि म. सा. के सुशिष्य अचल मुनि भरत मुनि के सानिध्य में एसएस जैन स्थानक में सुखसाता विराजमान है। शनिवार की चातुर्मास सभा में संबोधित करते अचल मुनि ने कहा कि चातुर्मास के दौरान संतों के सानिध्य में रहने से जीवन में परिवर्तन आता है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 07:35 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 07:35 PM (IST)
स्वाध्याय करने से जीवन को मिलती है शांति : अचल मुनि
स्वाध्याय करने से जीवन को मिलती है शांति : अचल मुनि

संस, लुधियाना : श्रमण संघीय सलाहकार भीष्म पितामह, तपस्वी रत्न गुरुदेव सुमित प्रकाश मुनि म. सा. के सुशिष्य अचल मुनि, भरत मुनि के सानिध्य में एसएस जैन स्थानक में सुखसाता विराजमान है। शनिवार की चातुर्मास सभा में संबोधित करते अचल मुनि ने कहा कि चातुर्मास के दौरान संतों के सानिध्य में रहने से जीवन में परिवर्तन आता है। चूंकि हर धर्म व संप्रदाय में चातुर्मास का महत्व है, इसलिए इस अवधि के दौरान, तप, ज्ञान व ध्यान की ओर ही अग्रसर होना चाहिए। स्वाध्याय करने से जीवन को शांति मिलती है। भले ही संसार में अनेक वस्तुओं से शांति मिलने की बात कही गई हो, पर जब तक आत्मिक शांति नहीं होगी, तब तक जीवन सुखी नहीं होगा।

भरत मुनि महाराज ने कहा कि संसार बुरा नहीं है, संसारी ज्ञानी, ध्यानी, तपस्वी साधक के लिए भी है और पापी दुराचारी के लिए भी वहीं है। फर्क मात्र ²ष्टि का है, जिसे सुधारने की जरुरत है। कहावत है कि जैसी ²ष्टि वैसी सृष्टि। जो सम्यक ²ष्टि वाला जीव होगा, वह बुराई में से भी भलाई को ही ग्रहण करेगा। मिथ्यादृष्टि वाला जीव अच्छाई में से भी गंदगी ग्रहण करेगा। जैसे मक्खी शरीर में घाव या गंदगी पर जाकर बैठती है, मधुमक्खी फूलों पर बैठकर पराग ग्रहण करती है।

इस अवसर पर चेयरमैन साहित्य रत्न डा. मुलख राज जैन, सभाध्यक्ष संघरत्न विनीत जैन, महामंत्री राजीव जैन, कुलदीप जैन, समस्त पदाधिकारी, कार्यकारी एवं सदस्यगण, वर्तमान जैन युवक संघ, जैन मिलन संघ, आत्म जैन सोसायटी शिवपुरी, जैन युवती संघ, वर्धमान जैन युवती संघ के अधिकारी शामिल थे।

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