संत दर्शन से होता है लाभ : साध्वी मनीषा
एसएस जैन स्थानक आत्मगद्दी रूपा मिस्त्री गली में महासाध्वी मनीषा म. साध्वी प्राप्ति म. सा. सुखसाता विराजमान हैं। इस अवसर पर साध्वी मनीषा महाराज ने कहा कि जिन शासन देव ने तीन तत्व फरमाएं है वह है देव गुरु धर्म। देव- देव कौन होते है जो अ²श्य है। धर्म अनुभूति और आचरण का विषय है। गुरु मात्र गुरु ही हमें प्रत्यक्ष रुप में मिल पाते है।
संस, लुधियाना : एसएस जैन स्थानक आत्मगद्दी रूपा मिस्त्री गली में महासाध्वी मनीषा म., साध्वी प्राप्ति म. सा. सुखसाता विराजमान हैं। इस अवसर पर साध्वी मनीषा महाराज ने कहा कि जिन शासन देव ने तीन तत्व फरमाएं है वह है देव, गुरु, धर्म। देव:- देव कौन होते है, जो अ²श्य है। धर्म अनुभूति और आचरण का विषय है। गुरु: मात्र गुरु ही हमें प्रत्यक्ष रुप में मिल पाते है। संतों का जीवन त्याग, वैराग्य, तपस्या और सदगुणों का प्रेरक होता है।
उन्होंने आगे कहा कि हम जब उनके पास जाते है, तो उनका आभा मंडल हमें प्रभावित करता है। जिस प्रकार रोते हुए इंसान को देखकर रोना आ जाता है और हंसते हुए इंसान को देखकर हंसी आ जाती है। अबोध बालक को देखकर प्रेम उमड़ता है। हमारा स्वभाव अलग होता है। साधु संत अपना समय ज्ञान, ध्यान, स्वाध्याय, तपस्या सेवा और परोपकार में बिताते है। रोज उसी में लीन रहने से इन गुणों से संतों का आभा मंडल प्रगाढ़ हो जाता है। संत दर्शन से वह आपकी परेशानियों से समस्याओं से वह कमजोर हो जाता है।
इस अवसर पर इस अवसर पर सभाध्यक्ष अशोक जैन हाईलैंड, आदर्श जैन नाहर, योगेश जैन, दीपांशु जैन, कोषाध्यक्ष अनिल जैन, राजेंद्र जैन, सुरेंद्र जैन, लव जैन, आदीश जैन, अरविद जैन, महिला मंडल, नवयुवती मंडल आदि के पदाधिकारीगण शामिल थे।