आचार्य श्री जयमल की जीवनी से कराया अवगत
एसएस जैन स्थानक आत्मगद्दी रुपा मिस्त्री गली में महासाध्वी मनीषा म. साध्वी प्राप्ति म. सा. के सानिध्य में चातुर्मास सभा जारी है। मनीषा जी म. ने कहा कि आचार्य श्री जयमल म. 22 वर्ष की उम्र में मेड़ता शहर में गए थे। बाजार बंद देखकर जानकारी ली पता चला कि जहां गुरुदेव आचार्य श्री भूघर जी म. सा पधारे हुए हैं।
संस, लुधियाना : एसएस जैन स्थानक आत्मगद्दी रुपा मिस्त्री गली में महासाध्वी मनीषा म., साध्वी प्राप्ति म. सा. के सानिध्य में चातुर्मास सभा जारी है। मनीषा जी म. ने कहा कि आचार्य श्री जयमल म. 22 वर्ष की उम्र में मेड़ता शहर में गए थे। बाजार बंद देखकर जानकारी ली, पता चला कि जहां गुरुदेव आचार्य श्री भूघर जी म. सा पधारे हुए हैं। वो भी अपने मित्रो के साथ प्रवचन सभा में पहुंचे। गुरुदेव श्री सेठ सुदर्शन का जीवन सुना रहे थे कि कैसे शूली से सिंहासन बन गया। ब्रह्माचार्य व्रत ग्रहण समय आया, दीक्षा के भाव बने। मात्र तीन घंटे में प्रतिक्रमण याद किया। वि. सा. 1788 मार्ग शीर्ष वदी दिन वीरवा को मेड़ता शहर में आप ने आचार्य श्री भूधर जी म. के श्री चरणों में दीक्षा ग्रहण कर ली। दीक्षा ग्रहण करने का आप का मुख्य लक्ष्य था, कर्म जंजीरों को तोड़करर मुक्तालय को प्राप्त करना, क्षणिक सुखों से मुक्त बन शाश्वत सुखों को प्राप्त करना। इसी लक्ष्य की पूर्ति के लिए उन्होंने सम्यक, ज्ञान, दर्शन चारित्र तप के मार्ग में अप्रमत रहने का दृढ़ संकल्प ग्रहण कर लिया। अखंड जाप की लड़ी में आज की प्रभावना का लाभ संगीता जैन, संजय जैन परिवार ने लिया।