हमेशा गुरु के उपकार का स्मरण करें : अचल मुनि
एसएस जैन स्थानक सिविल लाइंस में भीष्म पितामह गुरुदेव श्री सुमित प्रकाश मुनि महाराज के सुशिष्य अचल मुनि महाराज व भरत मुनि महाराज ठाणे-2 के सानिध्य में संक्रांति उत्सव मनाया गया।
संस, लुधियाना : एसएस जैन स्थानक सिविल लाइंस में भीष्म पितामह गुरुदेव श्री सुमित प्रकाश मुनि महाराज के सुशिष्य अचल मुनि महाराज व भरत मुनि महाराज ठाणे-2 के सानिध्य में संक्रांति उत्सव मनाया गया। सर्वप्रथम आए श्रावक श्राविकाओं ने नवकार मंत्र का उच्चारण हुआ।
गुरुदेव अचल मुनि महाराज ने संक्रांति पाठ सुनाते हुए कहा कि स्वैच्छा से गुरु बदलते रहना, गुरु के अवगुण देखना, गुरु की निदा करना, गुरु से मनमुटाव रखना, गुरु की अवज्ञा करना आदि ऐसे पाप कृत्य है, जिनको देखकर जानकर भी सदगुरु क्षमा ही प्रदान करते है। शिष्य के कल्याण के लिए आशीर्वाद बरसाते रहते है। ऐसे सदगुरु सदा पूजनीय है। हमेशा अपने गुरु के उपकार का स्मरण करे।
भरत मुनि ने कहा कि दीवारें मजबूत होनी चाहिए, क्योंकि दीवारें बहुत कुछ सहन करती है। पुराने जमाने में घरों की दीवारों के अगर हाथी भी टक्कर मारता था तो टूटती नहीं थी। इसी तरह से मानव को भी सहनशील बनना होगा। थोड़ा टकराव को टालकर समझौते में जीएं। टकराव में जोखिम है। टकराव टालिए, टकराव में बिखराव है। अरे प्रभु के सामने जो झुकता है वह सबको अच्छा लगता है, लेकिन जो सबके सामने झुकता है, वह प्रभु को अच्छा लगता है।
इस अवसर पर सभाध्यक्ष अरिदमन जैन, सीनियर उपाध्यक्ष सुभाष जैन महावीर शूटिग, महामंत्री प्रमोद जैन, विनोद जैन गोयम, संजय जैन, विजय जैन, आदि शामिल थे।