जीवन का सही इस्तेमाल हो, तो दोबारा मिल सकता है मनुष्य जीवन : अचल मुनि
्रहमें भगवान का शासन मिला है। हमें इसका सत्कार करना चाहिए। जब तक केवल ज्ञान की प्राप्ति नहीं होती तब तक कोई तीर्थंकर कुछ नहीं बोलते। केवल प्रभु महावीर ने ही बोला था। यह उक्त पंक्तियां एसएस जैन सभा सिविल लाइंस के प्रांगण में चल रही प्रार्थना सभा में गुरुदेव अचल मुनि ने व्यक्त की।
संस, लुधियाना : हमें भगवान का शासन मिला है। हमें इसका सत्कार करना चाहिए। जब तक केवल ज्ञान की प्राप्ति नहीं होती, तब तक कोई तीर्थंकर कुछ नहीं बोलते। केवल प्रभु महावीर ने ही बोला था। यह उक्त पंक्तियां एसएस जैन सभा सिविल लाइंस के प्रांगण में चल रही प्रार्थना सभा में गुरुदेव अचल मुनि ने व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि एक बार परमात्मा जंगल की ओर जा रहे थे। रास्ते में लोगों ने प्रभु को रोका और जंगल की ओर जाने से मना गया, क्योंकि इस जंगल में भयंकर सर्प चंड कौशिया रहता था, परंतु परमात्मा के कदम नहीं रुके और चंड कौशिया के स्थान पर जाकर खडे़ हो गए। तब चंड कौशिया ने प्रभु को डस लिया। उसने फिर प्रभु को डसा, परंतु प्रभु के मन में तो दया और करुणा थी। जब उसने तीसरी बार प्रभु को डसा तो परमात्मा के वात्सतप और करुणा के प्रमुख से प्रभु के शरीर से खून की जगह दूध की धारा निकली। तब परमात्मा ने कहा बुझ-2 कौशिया, तब वह शांत हो गया। लोगों ने उस पर दूध चढ़ाया, जिससे चींटिया एकत्रित हो गई और उसके शरीर को डंस मारने लगी। उन्होंने आगे कहा कि किसी भी तीर्थंकर ने अंतिम समय तक देशना नहीं दी, केवल प्रभु महावीर ने ही अपने अंतिम समय तक देशना दी। परमात्मा ने बताया कि मानव जन्म बहुत मुश्किल से मिलता है, अगर मनुष्य जीवन में आपुण्य रुपी पानी का सही इस्तेमाल किया है तो दुबारा मानव जीवन भी मिल सकता है। हरिभद्र सूरिबहुत अहंकारी थे, परंतु उसमें एक विशेषता भी अगर किसी भी प्रश्न का उत्तर मुझे समझ नहीं आता और अगर उसका सही उत्तर मुझे कोई बता दे। तो मैं उसे गुरु मान लूंगा। कीमत गुणों की होती है। दोषों की नहीं। इस अवसर पर मानव रत्न रामकुमार जैन, अरिदमन जैन, सुभाष जैन, प्रमोद जैन, विनोद जैन गोयम, संजय जैन आदि शामिल थे।