जो भाग्य में लिखा है, वह होकर ही रहता है: साध्वी रत्न संचिता
एसएस जैन सभा सिविल लाइंस के तत्वाधान में जैन स्थानक सिविल लाइंस में महासाध्वी वीणा महाराज ठाणा-5 के सानिध्य में चातुर्मास सभा जारी है। सभा में साध्वी रत्न संचिता महाराजा ने कहा कि हम जैसा भी कर्म कर रहे है। आने वाले समय में वो ही हमारा भाग्य बन जाएगा।
संस, लुधियाना : एसएस जैन सभा सिविल लाइंस के तत्वाधान में जैन स्थानक सिविल लाइंस में महासाध्वी वीणा महाराज ठाणा-5 के सानिध्य में चातुर्मास सभा जारी है। सभा में साध्वी रत्न संचिता महाराजा ने कहा कि हम जैसा भी कर्म कर रहे है। आने वाले समय में वो ही हमारा भाग्य बन जाएगा। उन्होंने कहा कि दिल ही देना है तो दुनिया को मत दो परमात्मा को अर्पण करो। तभी तुम्हारा कल्याण है। उन्होंने कहा कि धर्म-दर्शनों की मान्यता है कि जो भाग्य में है, वह होकर ही रहता है। अत: पुरुषार्थ करने का कोई महत्व नहीं। भाग्य अदृश्य है अर्थात दिखाई नहीं देता। उन्होंने आगे कहा कि सुख दुख कर्मो का फल है, सुख आने पर उत्साहित ना हो ज्यादा, दुख आने पर घबराएं ना। यह दोनों जीवन का अहम हिस्सा है, अगर इसमें डगमगा गए तो समझो, आगे नहीं बढ़ पाओगे। यह संसार एक आध्यात्मिक व धर्म के मार्ग पर चलने का सुलभ अनुभव है, जो इसको समझ गया, उसका वेडा पार हो गया। महासाध्वी वीणा महाराज ने कहा कि अहिसा और ज्ञान की बाते मिलें, उन्हें ग्रहण करना है। जिस कुंए का पानी मीठा होता है, उसे सभी पीते है। जैन दर्शन पर विचार करने पर लगता है कि वह सारे विश्व के कल्याण के लिए विशेष योगदान दे सकता है।
इस अवसर पर एस एस जैन सभाध्यक्ष अरिदमन जैन, चातुर्मास कमेटी चेयरमैन जितेंद्र जैन श्रमण जी यॉनर्स, सीनियर उपाध्यक्ष सुभाष जैन महावीर शूटिग, महामंत्री प्रमोद जैन, कोषाध्यक्ष रजनीश जैन गोल्ड स्टार, विनोद जैन गोयम, रविदर जैन भ्राता, संजय जैन, वैभव जैन व समस्त कार्यकारिणी सदस्यगण शामिल थे।