आलस्य का त्याग ही जीवन है: साध्वी संचिता
तपचंद्रिका श्रमणी गौरव सरलमना महासाध्वी श्री वीणा महाराज सा. ठाणे-5 एसएस जैन स्थानक सिविल लाइंस में सुखसाता विराजमान है। मंगलवार की सभा में साध्वी रत्न संचिता जी महाराज ने आए श्रावक श्राविकाओं को कहा कि प्रथम प्रहर में सारी दुनिया जागती है। दूसरे प्रहर में भोगी जागता है।
संस, लुधियाना : तपचंद्रिका श्रमणी गौरव सरलमना महासाध्वी श्री वीणा महाराज सा. ठाणे-5 एसएस जैन स्थानक सिविल लाइंस में सुखसाता विराजमान है। मंगलवार की सभा में साध्वी रत्न संचिता जी महाराज ने आए श्रावक श्राविकाओं को कहा कि प्रथम प्रहर में सारी दुनिया जागती है। दूसरे प्रहर में भोगी जागता है। तीसरे प्रहर में चोर जागता है और अंतिम प्रहर में योगी जागता है। जो अंतिम प्रहर में नहीं जागता, उस मनुष्य के लिए धिक्कार कहा है। देर से सोना, देर तक सोए रहना, दरिद्रता का कारण है। जल्द सोना, जल्दी उठना, अच्छी हेल्था और वेल्थ का कारण है। जो हर रोज उगते सूरज को देखते है, उनका पूरा दिन उगा हुआ ही रहता है। जो सूर्य उदय के बाद भी सोए पढे़ रहते है। उनका भाग्य भी सो जाता है। संसार में कई मनुष्य, कई जीवात्मा तो ऐसी है जो आलस्य और प्रमाद को ही अनमोल समय को, टाइम को व्यर्थ कर रही हैं, बर्बाद कर रहे है। ऐसी जीवात्माएं, ऐसे मनुष्य सोते रहते है। उगते सूर्य देव को कभी देख ही नहीं पाते है।
इस अवसर पर चातुर्मास कमेटी चेयरमैन जितेंद्र जैन श्रमण जी यार्न, सभाध्यक्ष अरिदमन जैन, सीनियर उपाध्यक्ष सुभाष जैन महावीर, महामंत्री प्रमोद जैन, कोषाध्यक्ष रजनीश जैन गोल्ड स्टार, महावीर जैन युवक संघ अध्यक्ष संजय जैन, विनोद जैन गोयम सहित समस्त कार्यकारिणी सदस्यगण शामिल थे।