बिना साधना नहीं मिलता गुरु व प्रभु का सानिध्य : साध्वी रत्न संचिता

तपचंद्रिका श्रमणी गौरव गुरुणी मैया महासाध्वी वीणा महाराज ठाणा-5 के सानिध्य में सिविल लाइंस जैन स्थानक में चातूुर्मास सभा हेतु सुखसाता विराजमान हैं। चातुर्मास सभा में साध्वी रत्न संचिता महाराज ने कहा इस कलयुग में जीव के लिए दो चीजें असंभव होती जा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 13 Oct 2021 05:45 PM (IST) Updated:Wed, 13 Oct 2021 05:45 PM (IST)
बिना साधना नहीं मिलता गुरु व प्रभु का सानिध्य : साध्वी रत्न संचिता
बिना साधना नहीं मिलता गुरु व प्रभु का सानिध्य : साध्वी रत्न संचिता

संस, लुधियाना : तपचंद्रिका श्रमणी गौरव गुरुणी मैया महासाध्वी वीणा महाराज ठाणा-5 के सानिध्य में सिविल लाइंस जैन स्थानक में चातूुर्मास सभा हेतु सुखसाता विराजमान हैं। चातुर्मास सभा में साध्वी रत्न संचिता महाराज ने कहा इस कलयुग में जीव के लिए दो चीजें असंभव होती जा रही है। एक तो संतो का दर्शन और दूसरा भगवान का सत्संग। जिन्हें इस मृत्यु लोक पर संतो का दर्शन और भगवान की कथा सुनने का सौभाग्य प्राप्त हो जाए, उस व्यक्ति को अपने आप को धन्य समझना चाहिए क्योंकि वही लोग परमात्मा के करीब होते है। उन्होंने कहा कि बिना साधना के गुरु व प्रभु का सानिध्य नहीं मिलता। द्वापर युग में गोपियों को भगवान श्री कृष्ण का सानिध्य इसलिए मिला, क्योंकि वे त्रेता युग में ऋषि- मुनि के जन्म में भगवान के सानिध्य की इच्छा को लेकर कठोर साधना की थी।

उन्होंने आगे कहा कि वचन सोच समझकर दो। राजा दशरथ वचन देने के कारण ही मर गए थे। नीच की संगति न करो, जैसे मंथरा की संगति कैकेयी ने की। सीता ने रावण की ओर आंख उठाकर भी नहीं देखा। बलिदान की भावना हो। सुमित्रा ने अपने पुत्र लक्ष्मण को 14 वर्ष के लिए सेवा में भेजा था। वासना के शिकार न बनो-रावण में वासना आई तो राम की सेवा में भेजा था। स्वामी भक्त बनो। हनुमान जैसी स्वामी भक्ति मिलनी बड़ी मुश्किल है।

इस अवसर पर चातुर्मास कमेटी चेयरमैन जितेंद्र जैन व अध्यक्ष अरिदमन जैन, सीनियर उपाध्यक्ष सुभाष जैन महावीर, महामंत्री प्रमोद जैन, कोषाध्यक्ष रजनीश जैन गोल्ड स्टार, मोती लाल जैन, विनोद जैन गोयम, संजय जैन, वैभव जैन, अजय जैन, फूलचंद जैन, सुशील कौड़ा व समस्त कार्यकारिणी सदस्यगण शामिल थे।

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