अहंकारी व्यक्ति अपने पतन का मार्ग खुद चुनता है: निराले बावा
जैनाचार्य श्री दिव्यानंद सूरीश्वर जी महाराज साहब ( निराले बाबा) के पावन सानिध्य में श्री भक्तामर स्तोत्र पाठ का परायण रिशी नगर स्थित महेंद्र जैन बरड़ के निवास स्थान पर हुआ।
संस, लुधियाना : जैनाचार्य श्री दिव्यानंद सूरीश्वर जी महाराज साहब ( निराले बाबा) के पावन सानिध्य में श्री भक्तामर स्तोत्र पाठ का परायण रिशी नगर स्थित महेंद्र जैन बरड़ के निवास स्थान पर हुआ। निराले बाबा ने कहा कि अहंकार और समर्पणता एक दूसरे के विपरीत है। जहां अहंकार होता है वहां समर्पणता कदापि नहीं हो सकती है और जहां समर्पण के भाव होते हैं वहां अहंकार नहीं होता है। अहंकार चाहे ज्ञान का हो, रूप का हो या पैसे का, यह खतरनाक होता है। अहंकारी व्यक्ति अपने पतन का मार्ग खुद चुनता है। इंसान खुद की प्रशंसा और अहंकार को त्याग दे तो वह परम सुख की अनुभूति प्राप्त कर लोगों को खुशियां देने का काम करता है। अहंकार के चलते रावण व कंस को सब कुछ खोना पड़ा। गणधर गौतम स्वामी ने जब अहंकार को त्यागा तो वह केवल ज्ञान को प्राप्त हो गए। उन्होंने आगे कहा कि हम महावीर की संतान होने का दम तो भरते है लेकिन जब बात उनके सिद्धान्त पर चलने की आती है तो मुंह मोड़ लेते है। इस दौरान श्री आत्मानन्द निराला जैन संघ द्वारा वीरेन्द्र जैन प्रवीण निटवियर्स वालों का सम्मान किया गया।
इस अवसर पर श्री आत्मानंद निराला जैन संघ के प्रधान राकेश जैन जगराओ वाले, चेयरमैन अभय जैन, प्रचार मंत्री नरेश जैन, अतुल जैन, नीरज जैन, गौरव जैन, सुलक्षण जैन, सौरभ जैन, प्रणव जैन, अमित जैन, अदीश जैन, संदीप जैन, गीतांश जैन, अंशु जैन, नीतीश जैन जंडियाला गुरु वाले, भावना जैन, मीनी जैन, वंदिता जैन, मनी जैन, दिव्या जैन, नीना जैन आदि गुरु भक्तजन उपस्थित थे।