महातपस्वी महाश्रमण की कृपा से नमि मुनि ने तप इतिहास रचा: मुनि कमल कुमार
उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनि श्री कमल कुमार ने नमि मुनि के 27 दिन की तपस्या पर फरमाया कि आचार्य श्री महाश्रमण की अनुकंपा से ही मात्र साढे़ चार मास की अवधि में 62 दिन की प्रलंब तपस्या के छह उपवास के बाद आज 27 दिन का तप अपने आप में कीर्तिमान कहा जा सकता है। मुनि नमि कुमार को दीक्षित हुए मात्र साढे़ पांच वर्ष हुए है।
संस, लुधियाना :उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनि श्री कमल कुमार ने नमि मुनि के 27 दिन की तपस्या पर फरमाया कि आचार्य श्री महाश्रमण की अनुकंपा से ही मात्र साढे़ चार मास की अवधि में 62 दिन की प्रलंब तपस्या के छह उपवास के बाद आज 27 दिन का तप अपने आप में कीर्तिमान कहा जा सकता है। मुनि नमि कुमार को दीक्षित हुए मात्र साढे़ पांच वर्ष हुए है। इसमें 15 तक की तप लड़ी के साथ कुल 11 मासखमण सानंद संपन्न हुए है। नमि मुनि का मनोबल सबके लिए विस्मयकारक है। नमि मुनि ने अपने भाव प्रस्तुत करते हुए फरमाया कि यह सब गुरुदेव की कृपा और मुनि श्री की वत्सलता और प्रेरणा का ही पुण्य प्रताप है। कि मैं इस प्रकार तपस्या कर सका। इस अवसर पर मुनि अमन कुमार जी ने भी मुनि नमिकुमार जी की सहिष्णुता सरलता तपस्या का मुक्त ह्दय से गुणगान किया। उपाध्याय प्रवीण ऋषि की भावना को झिणकार जी दुधोडिया ने वाचन किया। मुनि रणजीत कुमार मुनि दिनेश कुमार जी की भावनाएं पहुंची। मुनि जिनेश कुमार की भावना का निलेश जी रांका ने वाचन किया। साध्वी कीर्तिलता जी के गीत का महिला मंडल ने संगान किया। इस अवसर पर जयमल जी संप्रदाय के डा. धर्मघोष मुनि ने पधारकर अपनी भावना प्रस्तुत की। श्रमण संघीय चेतन मुनि राजेंद्र ने भी अपनी भावाभिव्यक्ति की। प्रदीप छाजेड ने भी अपनी भावना प्रस्तुति की।