महासाध्वी वीणा की 53वीं दीक्षा जयंती पर उत्सव 21 को

एसएस जैन स्थानक सिविल लाइंस सभा के तत्वधान में महासाध्वी डा. वीणा जी महाराज की दीक्षा जयंती उत्सव 21 से 26 सितबर तक जैन स्थानक में श्रद्धापूर्वक मनाई जाएगी। समारोह में पंजाब सहित हरियाणा अंबाला चंडीगढ़ हिमाचल प्रदेश दिल्ली महाराष्ट्र आदि से श्रावक श्राविकाएं भाग लेंगे।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 07:02 PM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 07:02 PM (IST)
महासाध्वी वीणा की 53वीं दीक्षा जयंती पर उत्सव 21 को
महासाध्वी वीणा की 53वीं दीक्षा जयंती पर उत्सव 21 को

संस, लुधियाना : एसएस जैन स्थानक सिविल लाइंस सभा के तत्वधान में महासाध्वी डा. वीणा जी महाराज की दीक्षा जयंती उत्सव 21 से 26 सितबर तक जैन स्थानक में श्रद्धापूर्वक मनाई जाएगी। समारोह में पंजाब सहित, हरियाणा, अंबाला, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र, आदि से श्रावक श्राविकाएं भाग लेंगे। इस संबंधी जानकारी देते चातुर्मास कमेटी चेयरमैन जितेंद्र जैन श्रमण व सभाध्यक्ष अरिदमन जैन ने कहा कि गुरुणी मैया तपचंद्रिका श्रमणी गौरव सरलमना महासाध्वी श्री वीणा जी महाराज सा. की दीक्षा जयंती उत्सव जैन स्थानक में मनाने जाने का जो सौभाग्य मिला है, हम गौरवान्वित हैं। इस उत्सव को लेकर भव्य रूप दिया जाएगा, जोकि एक एतिहासिक दीक्षा जयंती समारोह होगा। समारोह में 21 सितंबर को आयमबिल करवाए जाएंगे, जिसमें काफी श्रावक-श्राविकाएं शामिल होंगी। समारोह की तैयारियां अंतिम चरण पर है।

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केवल सच बोलना ही काफी नहीं: साध्वी रत्न संचिता

इस अवसर पर चल रही प्रवचन सभा में प्रवचन प्रभाविका साध्वी रत्न संचिता जी महाराज ने कहा कि केवल सच बोलना ही काफी नहीं है। उसके मार्ग पर चलना भी पड़ता है। धरती पर तो आधुनिक युग में सत्य की पहचान कम ही है। जो सच्च बोलता है, उसका अनादर ही होता है। प्रभु के द्वार में उसको इसका अच्छा परिणाम ही मिलता है। उन्होंने कहा कि मनुष्य जीवन दुर्लभ है, ऐसे महान पुण्य से मिले जीवन के अनमोल क्षणों को व्यर्थ की बातों में गंवाने वाले न बने। उन्होंने आगे कहा कि मनुष्य में अनेक पुण्यों के फलस्वरुप तो पहले जीभ प्राप्त होती है। तो जीभ के द्वारा स्पष्ट बोलने की अर्थात अन्य व्यक्ति उसे समझ सकें, ऐसी भाषा बोलने की क्षमता प्राप्त होती है, तो बुद्धिमान पुरुष बड़ी भारी कीमत देने पर प्राप्त हुई। भाषा शक्ति को निरर्थक ही नहीं गंवा देता, अपितु उससे नवीन पुण्यों का संचय कर लेता है। हमारे शास्त्रों में पुण्य के नौ भेद किए जाते है। उनमें से एक भेद वचन पुण्य भी है। अत: स्पष्ट है कि विवेक के द्वारा बोलने से अनंत पुण्यों का संचय किया जा सकता है। आवश्यकता है केवल अपनी भाषा और वचनों पर काबू रखने की। इस अवसर पर चातुर्मास कमेटी चेयरमैन जितेंद्र जैन, सभाध्यक्ष अरिदमन जैन, सीनियर उपाध्यक्ष सुभाष जैन, विपन जैन, महामंत्री प्रमोद जैन, कोषाध्यक्ष रजनीश जैन गोल्ड स्टार, रविदर जैन भ्राता, विनोद जैन गोयम, मोती लाल जैन, विजय जैन, अनिल जैन बावा, संजय जैन, वैभव जैन आदि समस्त कार्यकारिणी सदस्यगण शामिल रहे।

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