संयम क्या है, अनुशासन:- अनुपम मुनि

तपसम्राट श्री सत्येंद्र मुनि महाराज सा. लोकमान्य संत श्री अनुपम मुनि म. सा. मधुरभाषी श्री अमृत मुनि म. सा. विद्याभिलाषी अतिशय मुनि म. सा. ठाणा-4 जैन स्थानक नूरवाला रोड में विराजमान है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 07:01 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 07:01 PM (IST)
संयम क्या है, अनुशासन:- अनुपम मुनि
संयम क्या है, अनुशासन:- अनुपम मुनि

संस, लुधियाना : तपसम्राट श्री सत्येंद्र मुनि महाराज सा., लोकमान्य संत श्री अनुपम मुनि म. सा., मधुरभाषी श्री अमृत मुनि म. सा., विद्याभिलाषी अतिशय मुनि म. सा. ठाणा-4 जैन स्थानक नूरवाला रोड में विराजमान है। गुरुदेव अनुपम मुनि ने कहा कि संयम ही अनुशासन है। सबसे पहले हमारे अंदर अनुशासन होना चाहिए, तभी हम दूसरों को अनुशासित कर सकते है, यहीं संयम है।

उन्होंने कहा कि जिस प्रकार कमान से निकला हुआ तीर वापस नहीं लौटता है, उसी प्रकार एक बार मुंह से निकले शब्द कभी वापस नहीं लौटाया जा सकते। उन्होंने आगे कहा कि किसी पर गलत टिपणी न करे और न ही अपनी बात को व्यंग्य में पेश करें। किसी को खाने में मिष्ठान भले ही न खिला सकें। लेकिन आपके चार मीठे बोल उसके खाने को जायकेदार बना देंगे। इस अवसर पर एसएस जैन सभा महामंत्री अशोक जैन ओसवाल ने कहा कि गुरुदेवों के सानिध्य में जैन महामृत्युजंय जाप 3 से 4 बजे तक जारी है, जिसमें श्रावक श्राविकाएं भाग लेकर पुण्य का भागी बन रहे है।

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