जैन स्थानक सिविल लाइंस में शांतिनाथ पाठ आज : साध्वी संचिता

तपचंद्रिका श्रमणी गौरव सरलमना महासाध्वी वीणा जी महाराज नवकार आराधिका श्री सुनैन्या म.सा. साध्वी रत्न संचिता म. सा. ठाणा-5 सिविल लाइंस जैन स्थानक में सुखसाता विराजमान हैं। साधवी रत्न संचिता महाराज ने कहा कि अभिमानी रूपी शत्रु पर विजय पाना जरूरी है क्योंकि यह आत्मा को नरक तथा पशु योनि में ले जाता है और उनकी आत्मिक हानि करता है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 06:22 PM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 06:22 PM (IST)
जैन स्थानक सिविल लाइंस में शांतिनाथ पाठ आज : साध्वी संचिता
जैन स्थानक सिविल लाइंस में शांतिनाथ पाठ आज : साध्वी संचिता

संस, लुधियाना : तपचंद्रिका श्रमणी गौरव सरलमना महासाध्वी वीणा जी महाराज, नवकार आराधिका श्री सुनैन्या म.सा., साध्वी रत्न संचिता म. सा. ठाणा-5 सिविल लाइंस जैन स्थानक में सुखसाता विराजमान हैं। साधवी रत्न संचिता महाराज ने कहा कि अभिमानी रूपी शत्रु पर विजय पाना जरूरी है, क्योंकि यह आत्मा को नरक तथा पशु योनि में ले जाता है और उनकी आत्मिक हानि करता है। उन्होंने आगे कहा कि लोक में निदित अहंकारियों की गति निश्चित रूप से नरक होती है। इसलिए समझदार व्यक्ति को अभिमान को सदैव विनाशकारी समझकर उससे बचना चाहिए। अभिमानी गुणी से गुणी व्यक्ति को भी दुर्गुणी बना देता है। इसे दूर नहीं करने पर उसके सारे गुण ढक जाएंगे। या नष्ट हो जाएंगे। बुढ़ापा सुंदरता को, आशा धैर्य को, मृत्यु प्राणों को, ईष्र्या धर्मचर्या को, क्रोध शांति को, काम लज्जा हो नष्ट करता है, परंतु अभिमान सभी गुणों को नष्ट कर देता है। अहंकार का आसन मनुष्य के ह्दय में है।

उन्होंने कहा कि रविवार को महासाध्वी वीणा जी म. ठाणा-5 के सानिध्य भगवान शांतिनाथ का पाठ का आयोजन प्रात 8:15 बजे से 9:15 बजे तक किया जा रहा है। इस पाठ में श्रावक श्राविकाएं भाग ले रहे हैं। महासाध्वी वीणा महाराज ने कहा कि मोह आत्मा का घोरतम शत्रु है जो उसे मुक्ति पथ से भटका कर जन्म जन्म के चक्र में ग्रस्त कर देता है।यही मोह संसारिक कष्टों, चिताओं और भय का जनक है।

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