बेटी अपना भाग्य खुद लेकर आती है: अरुण मुनि

शनिवार के संदेश में गुरुदेव अरुण मुनि ने कहा कि बेटियों को बचाने की मुहिम आज से नहीं बल्कि सदियों पहले भगवान महावीर ने शुरू की थी।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Sep 2020 06:54 PM (IST) Updated:Sat, 19 Sep 2020 06:54 PM (IST)
बेटी अपना भाग्य खुद लेकर आती है: अरुण मुनि
बेटी अपना भाग्य खुद लेकर आती है: अरुण मुनि

संस, लुधियाना : एस एस जैन स्थानक सिविल लाइंस में संघशास्ता सुदर्शन लाल म. के सुशिष्य आगम ज्ञाता गुरुदेव अरुण मुनि ठाणा-छह सुखसाता विराजमान है। शनिवार के संदेश में गुरुदेव अरुण मुनि ने कहा कि बेटियों को बचाने की मुहिम आज से नहीं, बल्कि सदियों पहले भगवान महावीर ने शुरू की थी। कन्या भ्रुण हत्या करवाने वालों को मंदिर, वैष्णों देवी जाकर पूजा करने का हक नहीं है। गर्भ में बेटी को मारना सबसे बड़ा पाप होता है। बेटी अपना भाग्य खुद लेकर आती है। देश की आजादी में लक्ष्मी बाई ने अहम भूमिका अदा की, तो अंतरिक्ष में जाने वाली कल्पना चावला, खेलों में देश का नाम रोशन करने वाली साइना, सानिया मिर्जा बेटी ही तो है। बेटी भी बेटों की तरह परिवार का नाम रोशन करती है तो क्यों बेटी को मार कर पाप के भागी बन रहे हैं। महिला को गर्भ में बेटी मरवाने से पहले सोचना चाहिए कि वो भी किसी की बेटी है। उन्होंने कहा कि दुर्गा अष्टमी पर कन्याओं को भोजन करवाते हो, माता दुर्गा, लक्ष्मी, सरस्वती की पूजा करते हो, लेकिन बेटियों से नफरत किस बात पर? बेटियों की संख्या बेटों के जन्म के मुकाबले कम हो रही है, जो चिता का विषय है। उन्होंने कहा कि धर्म करते हुए शांति क्यों नहीं मिलती। आज धर्म कर्म बढ़ रहा है, पर शांति का फिर भी अभाव हो रहा है, क्योंकि जो धर्म आरामतलबी के लिए किया जाता है वो कभी शांति नहीं देगा। किसी को धोखा देने के लिए जो धर्म करोगे, वो भी कभी शांति नहीं देगा। कभी भी ईष्र्या भाव से धर्म करोगे तो वो भी शांति नहीं देगा। धर्म पगड़ी नहीं, जिसे जब चाहे उतार कर टांग दिया, बल्कि ये तो चमड़ी है जो उतारे से नहीं उतरती है। अत: धर्म कभी भी छोड़ा नहीं जाता।

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