स्मरण ही सार है, बाकी सब निरसार: अनुपम मुनि
तपसम्राट श्री सत्येंद्र मुनि महाराज सा. लोकमान्य संत श्री अनुपम मुनि म. सा. मधुरभाषी श्री अमृत मुनि म. सा. विद्याभिलाषी अतिशय मुनि म. सा. ठाणा-4 जैन स्थानक नूरवाला रोड़ में विराजमान है। गुरुदेव अनुपम मुनि ने कहा स्मरण ही सार है बाकी सब निरसार है।
संस, लुधियाना : तपसम्राट श्री सत्येंद्र मुनि महाराज सा., लोकमान्य संत श्री अनुपम मुनि म. सा., मधुरभाषी श्री अमृत मुनि म. सा., विद्याभिलाषी अतिशय मुनि म. सा. ठाणा-4 जैन स्थानक नूरवाला रोड में विराजमान है। गुरुदेव अनुपम मुनि ने कहा स्मरण ही सार है, बाकी सब निरसार है।
धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि अहिसा धर्म में अपने आपको स्थिर करना संयम है। अपने आपको बुराई से दूर कर अच्छाई में स्थिर करना संयम है। पाप का परित्याग धर्म को स्वीकार करना संयम है। क्रोध का विसर्जन कर क्षमा को धारण संयम है। पृथ्वी, रक्षा, पानी की रक्षा, अग्नि की रक्षा और वनस्पति की रक्षा और चलन-फिरने वाले प्राणियों की सुरक्षा करना, आदि संयम है। गुरुदेव ने आगे कहा कि अपनी संवदेनाओं पर काबू पाना और अपनी इच्छाओं पर काबू नियंत्रण करना संयम है। अपने कर्तव्य पर नियंत्रित एवं अनुशासित होकर पूरा करना संयम है। इसलिए इस ओर सभी को चलना चाहिए।
सभा महामंत्री अशोक जैन ओसवाल ने कहा कि एस एस जैन स्थानक नूरवाला रोड़ में जैन महामृत्युजंय जाप तीन से चार बजे तक होता है। जो सभी बाधाओं को दूर करके सुख व शांति प्रदान करता है। रात्रि 10 बजे जैन जगत महाचत्कारी पाठ कराया जा रहा है। जिसमें श्रावक श्राविकाएं आकर पाठ का लाभ ले रहे है।