भगवान तो महावीर उस समय बने, जब उन्होंने स्वयं को जीत लिया
कृष्ण गोपाल लुधियाना भगवान तो महावीर उस समय बने जब उन्होंने स्वयं को जीत लिया। महावीर ने मा
कृष्ण गोपाल, लुधियाना : भगवान तो महावीर उस समय बने, जब उन्होंने स्वयं को जीत लिया। महावीर ने मात्र धर्म में खोई आस्था को ही स्थापित किया। उनका सूर्यास्त से पहले भोजन करना, फासुक पानी ग्रहण करने का उपदेश आज विश्व इस सिद्धांत को सर्वोपरि मान रहा है। भगवान महावीर के जन्म के समय इस देश की परिस्थितियां बड़ी जटिल थीं। देश में धर्म के नाम पर हिसा का जोर था। भगवान महावीर ने अहिसा और स्वावलंबन पर बल दिया। उनके द्वारा प्रतिपादित सिद्धांत बेहद सादा, सरल व स्पष्ट है। उसमें विविधताओं के लिए स्थान नहीं। उनकी जीवन गाथा मात्र इतनी थी कि वे शुरू के तीन सालों में वैभव और विकास के बीच जल से भीगे कमलवत रहे। इन्हीं विचारों को ग्रहण करते हुए जैन समाज की शख्सियतों ने अपने विचार रखे हैं।
प्रभु की शिक्षा व सिद्धांतों को जीवन में अपनाएं
कोमल जैन डयूक, सीए संजीव जैन, रजनीश जैन ने कहा कि आज हमारे देश में या विश्व में मानव के जीवन जो परिस्थितियां बनी हुई है, उसके हल के लिए केवल महावीर के सिद्धांत और शिक्षाओं को अपनाना होगा। चारों ओर भ्रष्ट्राचार, पापाचार, अहंकार, क्रोध, मान, माया, लोभ का वातावरण बना हुआ है। इससे मुक्त होने का माध्यम है प्रभु महावीर की शिक्षा व सिद्धांतों को अपनी जीवन में धारण करना। भगवान महावीर स्वामी ने अंतिम 30 वर्षों में प्राणी मात्र के कल्याण के लिए सर्वोदय तीर्थ का प्रवर्तन प्रचार व प्रसार रहे।
भगवान महावीर ने अहिसा व धर्म का रास्ता दिखाया
विनोद जैन गोयम, अनिल जैन, भानु प्रताप जैन ने कहा कि महावीर ने कभी किसी प्रांत, धर्म या भाषा का विरोध नहीं किया। हमें तो हर पंथ पढ़ने हैं, जहां से अहिसा और ज्ञान की बातें मिलें, उन्हें ग्रहण करना है, जिस कुएं पर पानी मीठा होता है, उसे सभी पीते है। भगवान महावीर ने जैन समाज को अहिसा और धर्म का रास्ता दिखाया है। हमें उसी प्रकार से उस रास्ते का अनुसरण करना चाहिए।
महावीर के सिद्धांत अपनाने से शांति, समृद्धि का होगा विस्तार
विशाल जैन, जितेंद्र जैन रशम, अनिल जैन लक्की, तरुण गोयल ने कहा कि भगवान महावीर ने सारा जीवन समाज की सेवा में अर्पण किया है। हमें उनके जीवन से शिक्षाएं लेनी चाहिए। रास्ता कठिन है, लेकिन असंभव नहीं। इसलिए प्रयास करे, सभी हो जाता है। बस आपके अंदर आत्म-विश्वास की भावना जागृत होनी चाहिए। भगवान महावीर के सिद्धांत अपनाने से आज देश में शांति, समृद्धि और उन्नति हो सकती है।