पंजाबी लेखक प्रो. गुरभजन गिल को मिला जत्थेदार गुरचरण सिंह टोहरा अवार्ड Ludhiana News
लुधियाना जिले के प्रो. गुरभजन सिंह गिल के पंजाबी लिटरेचर और कल्चरल में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए इस साल उनका नाम आईएएश रिटायर्ड और सिख एजुकेशनल सोसायटी के प्रेसिडेंट गुरदेव सिंह की ओर से चयनित किया गया।
जागरण संवाददाता, लुधियाना। द सिख एजुकेशनल सोसायटी की ओर से चंडीगढ़ के श्री गुरु गोबिंद सिंह कालेज में आयोजित कार्यक्रम के दौरान पंजाबी लेखक और पंजाबी लोक विरासत अकेडमी के चेयरमैन प्रो. गुरभजन सिंह गिल को जत्थेदार गुरचरण सिंह टोहरा मेमोरियल अवार्ड-2021 देकर सम्मानित किया गया है। यह अवार्ड एसजीपीसी के पूर्व प्रेसिडेंट रहे जत्थेदार गुरचरण सिंह टोहरा की याद में दिया जाता है। हर साल उक्त अवार्ड सिख धर्म, सोसायटी, पंजाबियत या किसी अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्र में योगदान देने के लिए दो शख्सियतों को दिया जाता है। सोसायटी को सेक्रेटरी कर्नल जसमेर सिंह बाला ने कहा कि सम्मान समारोह में सर्टिफिकेट, शाल और एक लाख रुपये तक नकद दिया जाता है।
प्रो. गुरभजन सिंह गिल के पंजाबी लिटरेचर और कल्चरल में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए इस साल उनका नाम आईएएश रिटायर्ड और सिख एजुकेशनल सोसायटी के प्रेसिडेंट गुरदेव सिंह की ओर से चयनित किया गया। प्रो. गिल ने अवार्ड समारोह के दौरान कहा कि जत्थेदार टोहरा पंजाब के सच्चे पुत्र थे जिन्हाेंने हमेशा पंजाबियों के अधिकारों की रक्षा की है। बता दें कि प्रो. गुरभजन गिल पंजाबी साहित्य अकादमी लुधियाना के साल 2010 से 2014 तक प्रेसिडेंट रहे हैं।
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गिल की कई काव्य रचनाएं, पुस्तकें हाे चुकी है प्रकाशित
वहीं प्रो. मोहन सिंह फाउंडेशन के साल 1978 से कार्यशील पद पर रहने के अलावा किला रायपुर, गुजरवाल और कोटला शाहीया गुरदासपुर में होने वाली कमलजीत खेलों के प्रबंध में विभिन्न समय दौरान अहम भूमिका निभाते रहे हैं। प्रो. गिल पंजाब कृषि विश्वविद्यालय में 30 अप्रैल, 1983 से 31 मई, 2013 तक सीनियर संपादक भी रहे हैं। प्रो. गुरभजन सिंह गिल की कई काव्य रचनाएं व पुस्तकें इत्यादि प्रकाशित हो चुकी हैं।
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