RECP के खिलाफ गरजे उद्यमी, देशभर में संघर्ष शुरू करने की दी चेतावनी Ludhiana News

भारत पहले ही चीन से हो रहे आयात से प्रभावित है और लगभग पांच लाख करोड़ के उत्पाद चीन से भारत में धकेले जा रहे हैं।

By Edited By: Publish:Sun, 20 Oct 2019 06:34 AM (IST) Updated:Sun, 20 Oct 2019 04:08 PM (IST)
RECP के खिलाफ गरजे उद्यमी, देशभर में संघर्ष शुरू करने की दी चेतावनी Ludhiana News
RECP के खिलाफ गरजे उद्यमी, देशभर में संघर्ष शुरू करने की दी चेतावनी Ludhiana News

लुधियाना, जेएनएन। साउथ एशिया फ्री ट्रेड एरिया (साफता) के बाद अब रीजनल कंप्रीहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप (आरईसीपी) के जरिए चीन जैसे देशों को बिना किसी शुल्क भारत में व्यापार की छूट देने को लेकर उद्यमियों का गुस्सा फूट पड़ा है। शनिवार को उद्यमियों ने मोदी सरकार का पुतला गिल रोड स्थित साइकिल मार्केट में फूंका। इस दौरान उद्यमियों ने इस संघर्ष को देशभर में आरंभ करने की चेतावनी दी।

ज्ञात हो कि भारत पहले ही चीन से हो रहे आयात से प्रभावित है और लगभग पांच लाख करोड़ के उत्पाद चीन से भारत में धकेले जा रहे हैं। इसके अलावा चीन साफता और आसियान संधियों का दुरुपयोग कर कस्टम ड्यूटी बचाने के लिए अपने उत्पाद इन देशों से भारत में धकेल रहा है। इन 15 देशों में से बारह देशों के साथ भारत का व्यापार बहुत ही नकारात्मक चल रहा है। इन 12 देशों में भारत के निर्यात में 7,50,374 करोड़ का घाटा है, वहीं बाकी के तीन देशों में मात्र 6124 करोड़ का फायदा है। ये स्थिति तब है जब भारत में यहां पर 20 से 40 प्रतिशत तक की कस्टम ड्यूटी लगी हुई है, लेकिन फ्री ट्रेड एग्रीमेंट साइन होने के बाद इन देशों से व्यापार घाटा 20,00,000 करोड़ से भी ऊपर होने की संभावना है।

भारतीय बाजारों को हथियाने के लिए सभी देश कर रहे प्रयास

विश्व के लिए भारत 134 करोड़ लोगों की एक बड़ी मार्केट है, जिसे हथियाने के लिए सभी देश प्रयास कर रहे हैं ऐसे में इस फ्री ट्रेड एग्रीमेंट से चीन जापान कोरिया जैसे देशों को अपना माल सस्ते रेटों पर भारत में धकेलने का मौका मिल जाएगा। इस प्रस्तावित संधि से उद्योग ही नहीं भारत के कृषि क्षेत्र से जुड़े हुए लोग भी भारी घाटे में आ जाएंगे। वक्ताओं ने कहा कि भारतीय उद्योगों को बंद करने की तैयारी की जा रही है। इसका सबूत ये है कि पिछले दो वर्षो में भारत का आयात 2577675 करोड़ से बढ़कर 3594674 करोड़ रुपये हो गया। उद्योग संगठनों ने यह स्पष्ट किया कि सरकार के इस फैसले के खिलाफ उद्यमी चुप नहीं बैठेंगे और त्योहारों के बाद बड़े स्तर पर हड़ताल की जाएगी। प्रदर्शन में मोदी सरकार के साथ-साथ कॉमर्स विभाग के मंत्रियों के पुतले भी जलाए गए।

प्रदर्शन में ये रहे मौजूद

प्रदर्शन में बदीश जिंदल, नरिंदर भमरा, राजकुमार सिंगला, चरणजीव सिंह विश्वकर्मा, केके बावा, जसविंदर बिरदी, राजीव जैन, कुलदीप सिंह, मुनीश सचदेवा, हरमिंदर सिंह नोवा, रेशम सिंह, जतिंदर सिंह, अनिल छाबड़ा, इकबाल सिंह, सुखविंदर सिंह, अमरजीत शर्मा, इकबाल सिंह रावत, आशु राणा, विक्रम भमरा, अरुण छाबड़ा, राजा किंग, रमन अग्रवाल, नवीन गुप्ता, गुरजीत सिंह, जीवन सिंगला, अमृतपाल, मनीष सिंगला, नरिंदर खुराना, रोहन सचदेवा, रघबीर सिंह, रमेश कुमार, धर्मपाल सिंगला, अवतार सिंह, सुखराज सिंह, संदीप सचदेवा, संजय सिंगला सहित भारी संख्या में उद्यमी मौजूद थे।

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